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बुंदेलखंड का विकास केंद्र सरकार एवं प्रदेश कर सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप किसान खेतों में फसलों की बुवाई पर करें विचार

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झाँसी । आज मंत्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग (उत्तर प्रदेश) सूर्य प्रताप शाही के जनपद भ्रमण कार्यक्रम के दौरान उनके मुख्य आतिथ्य में विकासखंड स्तरीय रबी गोष्टी एवं किसान मेले का आयोजन विकासखंड बड़ागांव स्थित अंबाबाई किसान समृद्धि विद्यापीठ, अंबाबाई तथा बुंदेलखंड कृषि विकास एवं जल संचयन/संरक्षण विचार गोष्ठी का आयोजन केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी में आयोजित किया गया। सर्वप्रथम रबी गोष्ठी एवं किसान मेले में माननीय मंत्री ने कृषक भाइयों को संबोधित करते हुए कहा कि जल संरक्षण की दिशा में जनपद में जल सखियों द्वारा सराहनीय कार्य किए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें पानी के सदुपयोग पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है अतः जल संरक्षण हेतु बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी को देखते हुए पानी का प्रयोग अत्यधिक सीमित मात्रा में करना चाहिए जिससे आने वाली पीढ़ी को उपयोगिता अनुसार पर्याप्त मात्रा में पानी की उपलब्धता प्राप्त हो सके। किसानों की स्थिति में सुधार लाने हेतु केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा आए दिन नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारी कृषक भाई अपने खेतों में रासायनिक खादों का प्रयोग आवश्यकता अनुरूप अत्यधिक कम मात्रा में करें क्योंकि रासायनिक उर्वरक हमारे खेतों की उत्पादन क्षमता को प्रभावित करते हैं जिससे फसल की उत्पादन में भी कमी आती है साथी खेतों में मिट्टी की गुणवत्ता भी कम होती जाती है। प्राकृतिक खेती की ओर किसानों का ध्यान आकर्षित करते हुए मंत्री ने कहा कि यहां के किसान अपने खेतों में गोबर की खाद एवं गोमूत्र का प्रयोग सहित अन्य स्वदेशी तरीकों का प्रयोग करें जिससे खेतों की उर्वरता क्षमता के साथ उत्पादन क्षमता में भी वृद्धि हो सके। हमारे देश के प्रधानमंत्री एवं प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में प्रतिवर्ष 7.5 कुंतल बीजों का निशुल्क वितरण कृषि विभाग के माध्यम से किया जा रहा है उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के पश्चात जल संरक्षण की दिशा में अनेक कार्य किए गए हैं जिसके तहत खेत तालाब योजना के अंतर्गत बुंदेलखंड में अनेक तालाब खोदे जा रहे हैं कृषक भाई अपनी आय में वृद्धि लाने हेतु प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत अपने खेतों में उत्पादित फसल का बीमा अनिवार्य रूप से कराएं जिससे आपातकालीन स्थिति में उन्हें सरकार की सहायता प्राप्त हो सके मुख्यमंत्री द्वारा बुंदेलखंड में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में कार्य किया जा रहा है। सरकार द्वारा कृषि विभाग के माध्यम से किसानों की आय में वृद्धि लाने हेतु अनेक जन कल्याणकारी योजनाएं संचालित की जा रही हैं। किसान भाई इन योजनाओं का भरपूर लाभ लेते हुए अपनी आय को दोगुना करने की दिशा में आगे बढ़े। सरकार किसानों के हित के लिए पूर्ण रूप से तत्पर है। इसके पश्चात मंत्री द्वारा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित विचार गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया गया। इस दौरान माननीय मंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड का विकास केंद्र सरकार एवं प्रदेश कर सरकार की प्राथमिकताओं में शुमार है। यहां की भौगोलिक परिस्थिति के अनुरूप कृषि कार्य में अपनाए जाने वाले तकनीकी सुधार हेतु इस प्रकार की विचार गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि हमारे देश की जीडीपी के विकास में कृषि कार्य से प्राप्त होने वाली आय का विशेष योगदान है, अतः कृषि के विकास हेतु हमारे द्वारा अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। खेतों की उत्पादन क्षमता में वृद्धि हेतु हमारे कृषक भाइयों को भौगोलिक परिस्थितियों के अनुकूल फसलों की बुवाई का चयन करना होगा, साथ ही शासन द्वारा समय-समय पर कृषि विभाग के माध्यम से जारी गाइडलाइन के अनुरूप खेतों में फसलों के विकास हेतु उचित खाद, बीज एवं रासायनिक उर्वरकों का छिड़काव तथा जैविक खेती के उपायों को अपनाना होगा। वर्षा जल संचयन के दृष्टिगत हमें इस क्षेत्र में अधिक से अधिक तालाबों का निर्माण एवं जल के सदुपयोग पर विचार करना होगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के सत्ता में आने के पश्चात लगभग 12.5 हजार तालाब खोदे गए हैं जिससे वर्षा जल संचयन के साथ-साथ भूमिगत जल स्रोतों में वृद्धि हो सके इन तालाबों में वर्षा जल संचयन से एकत्रित पानी का प्रयोग खेतों की सिंचाई एवं अन्य उपयोगी कार्यों को पूर्ण करने में किया जा सकता है। इसी प्रकार पशुपालकों की आर्थिक स्थिति में सुधार हेतु पशुपालकों को पशुओं की नस्ल सुधार की दिशा में कार्य करना होगा। उत्तर प्रदेश में प्रतिवर्ष 24 लाख मीट्रिक टन दलहन की फसल का उत्पादन होता है, इसमें से लगभग 12 लाख मीट्रिक टन भाग के दलहनी फसल का उत्पादन मात्र बुंदेलखंड से होता है अतः यहां के किसान दलहनी फसलों के उत्पादन पर भी अपना ध्यान आकर्षित करें साथ ही जलवायु परिवर्तन को देखते हुए खेतों में फसलों की बुवाई के चयन पर ध्यान दें। इस दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष पवन कुमार गौतम, गरौठा विधायक जवाहर लाल राजपूत, प्रदेश उपाध्यक्ष किसान मोर्चा झांसी श्याम बिहारी गुप्त सहित अन्य अधिकारीगण, किसान यूनियन के पदाधिकारी गण कृषि विश्वविद्यालय के विशेषज्ञ एवं किसान भाई उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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