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यात्रियों कृपया ध्यान दें, देखिए कितनी गंदगी से बना भोजन मिलता है आपको वीरांगना लक्ष्मी बाई स्टेशन पर

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झांसी। वीरांगना लक्ष्मी बाई रेलवे स्टेशन पर अवैध बैंडरो के माफियाओं द्वारा स्टोलो पर प्रतिबंधित सामग्री तो बिकवाई ही जाती है। साथ गंदगी और दूषित स्थानों पर खाना बनाकर स्टॉलो पर बेचा जाता है। जिससे यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ खिलबाड़ हो रहा ओर रेलवे के राजस्व को करोड़ों की क्षति पहुंचाई जा रही। लगातार स्टेशन पर अपना मकड़ जाल फैलाए अन्ना माफिया और उसके गुर्गों का कारनामा प्रकाश में आता है। लेकिन जिम्मेदार एक दो अवैध बैंडर पकड़ कर इतिश्री कर लेते है। लेकिन इन तस्वीरों में साफ दिखाई दे रहा स्टेशन पर स्टॉल चलाने वाले लोग कितनी गंदगी भरे स्थान पर खाना बनाते है, ओर पानी की टंकियां तक में काई और कीड़े बिलबिला रहे इसी का पानी खाना बनाने में लगाते है। देखना यह अब जिम्मेदार अब भी अपनी आंखे मूंद कर यात्रियों के स्वास्थ्य के साथ खिलबाड़ कराते रहेंगे या फिर इन स्टॉल संचालकों के खिलाफ कोई बड़ी कार्यवाही करेंगे।सूत्रों के मुताबिक वीरांगना रानी।लक्ष्मी बाई रेलवे स्टेशन पर स्थापित कुछ स्टॉल अन्ना माफिया, चच्चा जी, भदौरिया, सहित कुछ अन्य लोग यात्रियों को भोजन स्टॉल पर उपलब्ध कराते है। ट्रेन में सफर कर रहे यात्री जल्द बाजी में ट्रेन न निकल जाए और भूख से स्वास्थ्य खराब न हो इसके लिए जैसे ही ट्रेन वीरांगना रानी लक्ष्मी बाई स्टेशन पर रुकती है। तभी स्टॉल से भोजन आदि खरीद लेते है। यह भोजन कितना पोस्टिक गुणवत्ता विहीन रहता है। इसकी जानकारी यात्री को स्टेशन से ट्रेन निकलने के बाद भोजन करते समय मालूम पड़ती है। ट्रेन निकलने के बाद यात्री शिकायत भी नही कर पाता और इन माफियाओं का गंदगी और दूषित भरा भोजन बेचने का कारोबार बदस्तूर चलता रहता है। यह स्टॉल संचालक रेलवे के नियमों को दर किनार कर स्टेशन से एक दो किलो मीटर दूरी पर होटल, कमरे, बाड़े लेकर उसमे भोजन बनवाते है। इनके पास न तो fssi की और न ही नहर निगम खाद्य विभाग की कोई अनुमति होती है। सारे नियम कानून ताक पर रख कर कोई टेक चंद्र की गली में, कोई एसबीआई बैंक की गली में, कोई स्टेडियम के सामने रहने वाले माफिया के घर भोजन सामग्री बनवाते है। इनका भोजन सामग्री बनवाने का तरीका तस्वीरों में आप देख सकते है, जहां भोजन बन रहा वहां न तो लाइट और न ही पंखे की व्यवस्था है, खाना बनाने वाला कर्मचारी पसीने से तर है, उन्ही हाथों से पसीना पोछना उन्ही हाथों से बीड़ी पीते हुए खाना बनाना, वही गंदे पहने हुए कपड़े टांग देना और भोजन बनाने के प्रयोग में जिन टंकियों का पानी लिया जा रहा कई सालों से नही धुली होंगी। टंकियों की जांच की जाए तो उसके अंदर बेशुमार काई और गंदगी का ढेर पड़ा मिलेगा। खबर से मध्यम से यात्रियों आपको सूचित किया जाता है, वीरांगना रेलवे स्टेशन पर बने कुछ स्टालों पर खाना खरीदने से पूर्व यह तस्वीर जरूर देखे। कही आप या आपका परिवार यात्रा के दौरान इस दूषित भोजन से बीमार न हो जाए।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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