झांसी। बरुआ सागर में डेढ़ वर्ष पूर्व हुए चर्चित अपरहण कर हत्याकांड के आरोपियों पर अपर जिला सत्र न्यायधीश सुनील कुमार की अदालत ने दोष सिद्ध कर दिया है। तीनो आरोपियों को गुरुवार को सुनाई जाएगी सजा। अभियोजन की ओर से प्रयाप्त साक्ष्य को माना सजा का आधार। घटना हो गई थी सीसीटीवी कैमरे में कैद। एडीजीसी क्राइम तेज सिंह गौर ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2023 में बरुआ सागर के ग्राम उजयान निवासी अंशुल यादव अपनी बहन को बाइक से झांसी छोड़कर देर शाम घर लौट रहा था। जैसे ही अंशुल उज्यान गांव के पास पीपा पुल पर पहुंचा तभी वहां पहले से खड़ी लाल रंग की आई 10 गाड़ी ने उसकी बाइक में टक्कर मार दी। जिससे अंशुल घायल होकर जमीन पर गिर पड़ा। इसके बाद गाड़ी सवार तीन आरोपी सुनील यादव, नीलू ओर धर्मसिंह अंशुल को उठाकर चार पहिया गाड़ी में डालकर अपहरण कर ले गए और उसकी बाइक को नदी में फैंक दी। इसके दो दिन बाद आरोपियों ने अंशुल को हत्या करने के बाद शव बेतवा नदी में फैंक दिया था। यह घटना पीपा पुल पर लगे सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी। इधर अंशुल के भाई प्रमोद यादव की तहरीर पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर अंशुल की लाश को एनडीआरएफ की टीम के सहयोग से बरामद कर लिया था। शव मिलने के बाद पुलिस ने अपहरण के मुकदमे को हत्या में तरमीम कर साक्ष्यों ओर सीसीटीवी फुटेज के आधार पर आरोपियों को जेल भेजते हुए न्यायलय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। इस मामले की सुनवाई कर रही अपर जिला सत्र न्यायधीश सुनील कुमार यादव की अदालत ने अभियोजन के द्वार प्रस्तुत साक्ष्य को प्रयाप्त आधार मानते हुए तीनो आरोपियों पर दोष सिद्ध कर दिया है। इस जघन्य चर्चित अपहरण हत्याकांड के मामले में अदालत तीनो आरोपियों पर नौ अक्टूबर को सजा सुनाएगी। सजा पर फैसला आज सुरक्षित रखा गया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


