झांसी। वर्ष 2021 में मऊरानीपुर में हुए जघन्य हत्याकांड मुकदमे की फाइल शासन की टॉप टेन सूची में शामिल है। लगातार सरकार की ओर से ठोस पैरवी कर आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दिलाए जाने के लिए पैरवी की जा रही है। वही हत्यारोपी द्वारा न्यायालय में चल रहे मुकदमे को लंबित रखने के लिए दो बार दूसरी अदालत में मुकदमे की फाइल तबादला कराने के लिए आवेदन दिया जा चुका है। न्यायालय जिला सत्र न्यायधीश कमलेश कच्छल की अदालत ने आज फाइल दूसरी अदालत में तबादला कराने के आवेदन को खारिज कर आवेदक अभियुक्त पर दस हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। अदालत ने आवेदन खारिज करते हुए बताया है कि अभियुक्तों की मंशा प्रकरण को लंबित रखने की है। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे डीजीसी क्राइम मृदुलकांत श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2021 में मऊरानीपुर में एक व्यापारी की हत्या की गई थी। यह हत्याकांड काफी चर्चाओं में रहा था। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 147,148,302,7 क्रिमिनल एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को जेल भेजते हुए आरोप पत्र दाखिल कर दिए थे। इस मुकदमे का अभियुक्त बड़ागांव निवासी अखिलेश विश्वकर्मा मुकदमे को दूसरी न्यायालय में चलाने के लिए आवेदन दिया। जिसकी सुनवाई करते हुए जिला सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त अखिलेश विश्वकर्मा का आवेदन सुनने के बाद निरस्त करते हुए उन पर दस हजार रुपए का अर्थदंड अदा करने का फैसला सुनाया है। आपको बता दे कि इसके पूर्व भी एक दूसरे आरोपी शुभम ताम्रकार द्वारा भी ऐसा ही आवेदन पहले प्रस्तुत किया गया था जिसे न्यायालय द्वारा जिसे सुनवाई के बाद निरस्त कर दिया गया था।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


