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किसानों की समृद्धि हेतु विश्वविद्यालय दे रहा प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम

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झाँसी। रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में आज “किसानों की समृद्धि हेतु उत्प्रेरक कार्यशाला” का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का संयुक्त आयोजन रानी लक्ष्मीबाई केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी एवं बुंदेलखंड किसान मोर्चा द्वारा किया गया।

मुख्य अतिथि झाँसी-ललितपुर के सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि बुंदेलखंड में विकास की अपार संभावनाएँ हैं। बुंदेलखंड औद्योगिक विकास प्राधिकरण में 56,000 करोड़ रुपये और डिफेंस कॉरिडोर में 12,500 करोड़ रुपये का निवेश इस क्षेत्र की तस्वीर बदल देगा। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड में टेक्निकल यूनिवर्सिटी स्थापित करने का प्रयास हो रहा है, इससे स्थानीय युवाओं को रोजगार यहीं उपलब्ध होगा। सांसद जी ने कृषि, पर्यावरण और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए किसानों एवं युवाओं को होमस्टे व्यवसाय अपनाने के लिए भी प्रेरित किया।

अध्यक्षीय सम्बोधन में कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह ने कहा कि विश्वविद्यालय क्षेत्रीय परिस्थितियों को देखते हुए दूध उत्पादन, श्रीअन्न, मूंगफली, ज़ायद की मूंग और कठिया गेहूं जैसी फसलों को प्रोत्साहित कर रहा है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, मत्स्य पालन एवं बकरी पालन जैसे उद्यमों को बढ़ावा देने के लिए प्रमाणपत्र पाठ्यक्रम भी चला रहा है।

उप कृषि निदेशक महेन्द्र पाल सिंह ने किसानों के लिए संचालित विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला।

बलिनी एफपीओ के निदेशक ओ.पी. सिंह ने एफपीओ की भूमिका और किसानों के वित्तीय सशक्तिकरण पर चर्चा की।

उद्यम विकास के एस.एन. पांडे ने कहा कि बुंदेलखंड में बीते दशक में विकास की गति तेज हुई है, जिससे पलायन पर रोक लगी है।

तकनीकी सत्र में वैज्ञानिकों ने पौध संरक्षण, बीज संसोधन एवं पशुपालन पर महत्वपूर्ण व्याख्यान प्रस्तुत किए।

बुंदेलखंड किसान मोर्चा के महेन्द्र शर्मा ने किसानों की समस्याओं को सांसद के समक्ष रखा।

इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ. सुशील कुमार सिंह सहित विभिन्न ग्रामों से आए 250 से अधिक किसान, वैज्ञानिक एवं संस्थानों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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