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पब्जी गेम के माध्यम नाबालिग से की दोस्ती,फिर अपहरण कर किया दुष्कर्म, न्यायालय ने सुनाई दस साल की सजा ओर 65 हजार जुर्माना

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झांसी। अक्सर मां बाप अपनी बच्चों की झंझट रोने गाने से बचने के लिए मासूमों को मोबाइल हाथ में थमा देते है। उस मोबाइल पर शोशल मीडिया प्लेट फॉर्म यूट्यूब हो या व्हाट्सएप हो या फिर कोई गेम यह तीनों बच्चों के हाथों से चलते हुए देखकर परिजन बड़े खुश तो होते है। लेकिन उन्हें इसके दुष्परिणाम दिखाई नहीं। इसका एहसास माता पिता को तब होता जब बच्चा या तो कोई अपराध कर देता है या फिर किसी अपराधी के जाल में फंस जाता है। तब इसके घातक दुष्परिणाम समझ में आते है। लगातार केंद्र ओर प्रदेश सरकार द्वारा ऐसे साइबर अपराधी ओर शोशल मीडिया के द्वारा जाल में फंसा कर महिलाओं, युवतियों का शोषण करने वाले अपराधियों से सचेत करने के लिए अभियान चलाती है। इसके बावजूद भी लोग समझ नहीं रहे। एक ऐसे ही प्रकरण में अपर सत्र न्यायधीश/ विशेष न्यायधीश पोस्को एक्ट की अदालत ने आरोपी को दस वर्ष का कारावास ओर 65 हजार रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है। मामला एक शातिर अपराधी द्वारा पब्जी गेम पर एक नाबालिग बालिका से दोस्ती कर उसका अपहरण कर लिया फिर आरोपी ने इसे बंधक बनाकर दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष शासकीय अधिवक्ता विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया था कि एक व्यक्ति ने सात अप्रैल 2021 को थाना बबीना में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री का अज्ञात व्यक्ति ने अपहरण कर लिया। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपी की तलाश करने के लिए हर बिंदु पर जांच की। लेकिन कोई सुराग हाथ नहीं लग सका। इसके बाद पुलिस ने सर्विलांस टीम का सहयोग लेकर बालिका के मोबाइल पर जांच पड़ताल कर उसकी फेसबुक आदि आईडी की जांच पड़ताल की। इस दौरान पुलिस को उसके मोबाइल में पब्जी गेम के माध्यम से एक ऐसा व्यक्ति ओर उसका मोबाइल नंबर मिला जिसे बालिका के परिजन न तो जानते थे न पहचानते थे। पुलिस ने इस नम्बर की जांच पड़ताल करते हुए उस युवक की खोजबीन की जिस पर उसकी पहचान कपिल कुमार अहेरिया निवासी बारला जिला अलीगढ़ के रूप में हुई। पुलिस ने इस युवक के घर दबिश देकर अपहृत बालिका को बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया था। बालिका के बयान के आधार पर पुलिस ने दुष्कर्म की धारा की बढ़ोत्तरी करते हुए आरोपी को जेल भेज कर न्यायालय में आरोप पत्र दाखिल कर दिया था। इस प्रकरण में सुनवाई करते हुए अभियोजन की ओर से ठोस पैरवी जिरह पर न्यायालय ने आरोपी पर अपहरण और दुष्कर्म का आरोप सिद्ध होने पर आज उसे दस वर्ष का कारावास ओर 65 हजार रूपये अर्थदंड अदा करने का फैसला सुनाया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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