झांसी। कपूर टेकरी कुरैश नगर मरकज़ अहले सुन्नत मदीना मस्जिद मे जश्ने विलादत मौला अली रज़ीअल्लाहो अन्हो बड़े ही शानो शौकत के साथ मनाया गया। तर्जुमान ए रज़वियत पेश इमाम मुफ्ती मुहम्मद अमान सिद्दीकी मंजरी बरेली शरीफ ने हजरत मौला अली के जीवन पर प्रकाश डाला। हज़रत अली की यौमे पैदाइश (जन्मदिवस) पूरे देश भर में बड़े ही अकीदतो मुहब्बत के साथ मनाया जाता है हज़रत अली पैगम्बर मोहम्मद साहब के दामाद थे। और अहले बैत में हज़रत अली जयंती एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि यह हज़रत अली इब्न अबी तालिब के जीवन और शिक्षाओं का सम्मान करता है. हज़रत अली अपनी निष्पक्षता और बुद्धिमत्ता के लिए अत्यधिक पूजनीय हैं. उन्होंने लोगों को अपने कार्यों में सत्यनिष्ठ, दयालु और न्यायपूर्ण होना सिखाया. यह दिन इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हमें उनके द्वारा अपनाए गए मूल्यों की याद दिलाता है, जैसे दूसरों की मदद करना और जो सही है उसके लिए खड़े होना.इस दिन को प्रार्थना करके, उनकी शिक्षाओं को साझा करके, कुरान का पाठ करके और अच्छे कर्म करके मनाया जाता है. यह उनके जीवन पर चिंतन करने और उनकी शिक्षाओं और मूल्यों का पालन करने का समय है. इसीलिए हम सुन्नी मुसलमान को हाल में बुजुर्गाने दिन के नक्शे कदम और आले बैत सच्ची मोहब्बत करनी चाहिए और नमाज़ पढ़ने के साथ-साथ तालीम हासिल करना जरूरी हाफिज कारी सैयद निजामुद्दीन रिज़वी कारी आता मुहम्मद हाफिज अमजद कुरैशी हाफिज रमजान कुरैशी मोहजाम आदि ने नूरानी बयानात फरमाये सैकड़ो की संख्या में जशने मौला अली में शामिल रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






