झांसी। उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देशन में महिला उत्पीड़न संबंधी शिकायतों को सुनने और उसका समय पर निस्तारण कर पीड़ित महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए प्रदेश भर में चलाए जा रहे उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग जनसुनवाई केंद्र में झांसी में आयोजित जनसुनवाई में कई महिला फरियादियों को मौके पर न्याय मिल गया। यहां कोई इच्छा मृत्यु मांगने आया था तो कोई अपने मकान संपत्ति पर अवैध कब्जा होने से बचाने की गुहार लेकर आया था। फरियादियों को फरियाद सुनी गई और उन्हें मौके पर निस्तारण कर उनकी समस्या का समाधान किया।बुधवार को सर्किट हाउस में आयोजित जनसुनवाई में जनसुनवाई कर रही उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग सदस्य अनुपमा सिंह लोधी ने सुबह ग्यारह बजे से जनसुनवाई शुरू की। इस दौरान मऊरानीपुर निवासी एक दंपत्ति उनके समक्ष पेश हुआ। उसने अपने आवेदन में बताया कि शिक्षा विभाग की नीतियों और विभाग में मनमर्जी कर रहे अधिकारियों से वह ओर उसका परिवार त्रस्त है, वह कई महीनों से सस्पेंड चल रहा है, उसे बहाल नहीं किया जा रहा है इसका वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसलिए उसे व उसकी पत्नी को इच्छा मृत्यु चाहिए। जनसुनवाई कर रहे आयोग की अध्यक्ष ने तत्काल बीएसए ओर शिक्षा विभाग से वार्ता कर उसे तत्काल नौकरी का नियुक्ति पत्र सौंपने का निर्देश दिया। वही शिवाजी नगर निवासी बेबी कुशवाह ने शिकायती पत्र देते हुए बताया कि उसके ससुर का काफी समय पहले अपहरण हो गया आज तक उनका की अत पता नहीं है। उनका आरोप था कि एक महिला ने कूट रचित दस्तावेज तैयार कर उनकी पुस्तैनी संपत्ति की रजिस्ट्री करा ली जिसका मुकदमा न्यायालय में चल रहा है। इसके बावजूद भी वह महिला पुलिस से दबाव बनाकर उसे व उसके परिवार को घर से बेघर करवाना चाह रहे ओर इसी को लेकर पुलिस उसे बार बार परेशान कर रही। आयोग की सदस्य ने तत्काल क्षेत्राधिकारी नगर को निर्देश दिए कि दोनों पक्ष को एक साथ बैठ कर सुना जाए और अगर न्यायालय में संपत्ति का मामला विचाराधीन है तो दोनों पक्ष को बताया जाए कि वह अपने मामले का निस्तारण न्यायालय से कराए। वही एक प्रकरण बड़ागांव क्षेत्र का आया। जहां एक वृद्ध महिला ने ज्ञापन देते हुए बताया कि इसकी जमीन और कुछ लोग जबरन कब्जा करना चाहते है। पुलिस सुनवाई नहीं कर रही। इस पर तत्काल बड़ागांव पुलिस को कार्यवाही के निर्देश दिए गए। दोपहर तक जनसुनवाई जारी थी।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






