संवाद। उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा चलाई जा रही जीरो टॉलरेंस मुहिम के तहत बिहार और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर आने जाने वाले डंफर ट्रकों से अवैध वसूली करने के मामले एडीजी वाराणसी ने थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, हैड कांस्टेबल, सिपाहियो समेत उनके दलालों समेत 23 लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार का जिला बलिया के नरई थाने में मुकदमा दर्ज कराते हुए कई सिपाहियो और दलालों की गिरफ्तारी कर भ्रष्टाचार पर बड़ी चोट मारी है। इस दौरान सभी के कब्जे से अवैध वसूली की तीन लाख रुपए से अधिक की रकम बरामद की है।24/25 जुलाई 2024 की रात एडीजी वाराणसी जोन पियूष मोर्दिया आईपीएस के नेतृव में डीआईजी आजमगढ़ सहित तीन टीमें अलग अलग बनाई गई। जिसमे तीनो टीमें जनपद बलिया के भरौली तिराहे पर बिहार और उत्तर प्रदेश बॉर्डर पर आने जाने वाले वाहनों से प्राइवेट दलाल लगाकर पुलिस द्वारा की जा रही वाहनों से अवैध वसूली करते पकड़ने के लिए पहुंचे। जहां टीमों ने दो सिपाही और 16 प्राइवेट पुलिस कर्मियों के दलालों को ट्रक चालकों से प्रति वाहन पांच सौ रूपये वसूल रहे थे। इनके कब्जे से तीन लाख से अधिक अवैध वसूली की रकम बरामद हुई। इस दौरान सभी दलालों से पूछताछ करने पर ज्ञात हुआ कि यह अवैध वसूली में थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी समेत कई लोग शामिल है। इसकी जांच कराई गई। जिसमे दोषी पाए जाने के बाद प्रकाश में आए सभी पुलिस कर्मियों को सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ नरही बलिया थाना में नरही थाना प्रभारी पन्नेलला, कोरंटडीन चौकी प्रभारी राजेश कुमार प्रभाकर, आरक्षी दीपक मिश्रा, आरक्षी बलराम, हैड कोंस्ट्रबल बलराम, आरक्षी हरिदयाल, आरक्षी सतीश गुप्ता, सहित उनके दलाल रूबी शंकर यादव, विवेक वर्मा, जितेश चौधरी, वीरेंद्र राय, सोनू सिंह, अजय कुमार पांडे, वीरेंद्र यादव, अरविंद यादव, रामाशंकर चौधरी, जवाहिर यादव, धर्मेंद्र यादव, विकास राय, हरेंद्र यादव, सलाम अंसारी, आनंद कुमार, दिलीप कुमार के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर लिया है। एडीजी वाराणसी की इस कार्यवाही से उत्तर प्रदेश के पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ है।
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