झांसी। थानाध्यक्ष मऊरानीपुर द्वारा लगातार न्यायालय के आदेशों को गम्भीरता से नहीं लिये जाने पर न्यायालय ने थानाध्यक्ष के कार्य को असंतोषजनक मानते हुए विभागीय कार्यवाही करने हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए हैं। अपर जिला न्यायाधीश, न्यायालय संख्या 2 विजय कुमार वर्मा- प्रथम के न्यायालय में विचाराधीन एक मामले में ऋणी इकराम मोहम्मद के
उपस्थित नहीं होने और न ही शेष धनराशि जमा कराये जाने पर न्यायालय द्वारा पुनः ऋणी के विरूद्ध सम्पत्ति की कुर्की हेतु आदेश जारी किया गया था। इसके बाद २७ अगस्त २०२१ को गिरफ्तारी वारण्ट निर्गत किये जाने का आदेश पारित किया गया जो थाना मऊरानीपुर द्वारा अदम तामील वापस प्रेषित किया गया।
पुनः डिक्रीदार के आवेदन पर न्यायालय द्वारा इजराय
वाद के निष्पादन में गिरफ्तारी वारण्ट ०७ जून २०२२ को निर्गत किया गया एवं अग्रिम तिथि
१५ जून २०२२ नियत की गयी, जो पैरोकार मऊरानीपुर द्वारा न्यायालय से प्राप्त कर ले जाया
गया, परन्तु तामील या अदम तामील न्यायालय को वापस नहीं किया गया। न्यायालय द्वारा
२३ जून २०२२ को आदेशित किया गया कि न्यायालय द्वारा निर्गत गिरफ्तारी वारण्ट तामील अथवा अदम तामील न्यायालय को थानाध्यक्ष मऊरानीपुर वापस करें, परन्तु थानाध्यक्ष मऊरानीपुर द्वारा वापस नहीं किया गया। न्यायालय द्वारा पुनः ०३ जुलाई २०२२ को गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किया गया एवं अग्रिम तिथि ०८ जून २०२२ नियत की गयी।
उपरोक्त परिप्रेक्ष्य में पुनः न्यायालय द्वारा ०८ जुलाई २०२२ को गैर जमानतीय वारण्ट
निर्गत करते हुए अग्रिम तिथि १४ जुलाई २०२२ नियत की गयी।
न्यायालय द्वारा प्रेषित गैर जमानतीय वारण्ट एस०आई० आदित्य कुमार अवस्थी द्वारा इस आख्या के साथ वापस प्रेषित किया गया कि माँ व आसपास जानकारी करने पर पता चला कि वह बीमार होने के कारण ग्वालियर गया है। पुनः गैर जमानतीय वारण्ट प्रदान किया जावे। उक्त अनुरोध पर न्यायालय द्वारा १४ जुलाई २०२२ को पुनः निर्णीत ऋणी के विरूद्ध गैर जमानतीय वारण्ट निर्गत किए गए।१६. ०७. २०२२ नियत की गयी। उक्त गैर जमानतीय वारण्ट इस आख्या के साथ पुनः वापस
किया गया कि संभावित स्थानों पर दबिश दी गयी, निर्णीत ऋणी इकराम मोहम्मद नहीं मिला। उपरोक्त सभी रिपोर्ट थानाध्यक्ष मऊरानीपुर द्वारा हस्ताक्षरित एवं अग्रसारित है।जिसस स्पष्ट है कि न्यायालय द्वारा निर्गत निष्पादन के अनुक्रम में गैर जमानतीय वारण्ट को तामील कराने में निर्णीत ऋणी को न्यायालय के समक्ष उपस्थित करने में थानाध्यक्ष मऊरानीपुर
द्वारा कोई रूचि नहीं ली जा रही है, मात्र औपचारिक कार्यवाही करते हुए न्यायालय द्वारा निर्गत गैर जमानतीय वारण्ट लगातार वापस किये जा रहे हैं। थानाध्यक्ष मऊरानीपुर द्वारा असहयोगात्मक आचरण से उच्च न्यायालय के द्वारा निर्गत दिशा निर्देश के अनुपालन में वाद का निस्तारण संभव नहीं है। न्यायालय द्वारा शएस०एस०पी० को पत्र प्रेषित कर संज्ञान लेते हुए इस संबंध में कृत कार्यवाही से न्यायालय को अवगत कराये जाने के निर्देश दिए गए हैं।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






