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सेहत से खिलवाड़, अवैध ढंग से चल रहे वाटर प्लांट, पानी को तरसते बुंदेलखंड वासी, धरती का सीना चीर कर करोड़ो कमा रहे अवैध पानी प्लांट कारोबारी, जिम्मेदार अधिकारी मौन

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झांसी। बुंदेलखंड सबसे पिछड़ा इलाका माना जाता है। यहां सबसे बड़ी समस्या पानी की है। जिसे दूर करने के लिए देश के प्रधानमंत्री ओर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भरकस प्रयास कर रहे ओर गांव देहात में हर घर जल योजना चला रहे। जिसके चलते करोड़ो रुपए की दोनो सरकारों ने पोटली खोल दी है। लेकिन देश के प्रधान मंत्री और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के प्रयासों पर जिम्मेदार लापरवाह अफसरों की उदासीनता के चलते पानी माफिया जमकर प्रयासों पर पानी फेर रहे ओर खुद को करोड़ो लाखों कमाने के लिए बुंदेलखंड की धरती का सीना चीर कर पानी निकाल कर अवैध पानी प्लांट लगाकर जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ कर रहे ओर दोषित पानी पिला रहे। इसकी जानकारी होने के बाद भी जिम्मेदार हर विभाग मौन बना हुआ है। झांसी जनपद में हर जगह पानी प्लांट बिना रजिस्ट्रेशन बिना एनओसी के खुले हुए है और प्रतिदिन लाखो करोड़ो की जानी सरकारों को पहुंचा रहे है।जनपद झांसी सिटी का इलाका हो या ग्रामीण अंचल हर तरफ आरो वाटर ने अपना विशेष स्थान बना लिया है। शादियों में भी जमकर ओरो पानी की बुकिंग हो रही है। शुद्ध जल के नाम पर संचालक ग्राहंकों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। दर्जनों की संख्या में चल रहे आरो प्लांट बीमारियां फैलाने का काम कर रह हैं। झांसी शहर में यह आरो के पानी के नाम पर जगह जगह अवैध रूप से पानी की प्लांट बिना किसी परमिशन के खोले लिए गए और सरकार का पानी बेच कर करोड़ो रुपया कमा रहे। इस कारोबार में न तो पानी माफिया कोई टैक्स दे रहे जीएसटी भी जमा नही कर रहे। पानी प्लांट के माफियाओं द्वारा खुले आम सरकार के राजस्व को करोड़ो की प्रतिदिन हानि पहुंचाई जा रही है। इसके बावजूद भी जिम्मेदार अधिकारी मौन बने बैठे है। ओरो प्लांट के किसी संचालक के पास लाइसेंस नहीं है फिर भी धड़ल्ले से वाटर प्लांट का काम चल रहा है। शासनादेश है कि सील बंद ही आरओ प्लांट का पानी बिक्री होना चाहिए। लेकिन संचालक मैजिक, लोडिंग गाड़ियों पर हजार से पांच सौ लीटर की टंकी और सौ से दो सौ पानी के केंपर लादकर घुम रहे हैं। डब्बा में पलटी कर आरो का पानी बेचा जा रहा है। आरो के नाम पर संचालक लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रहे हैं। पानी बिक्री को लेकर इतनी सक्रियता बढ़ गई है कि लोग घर-घर जाकर पानी बेच रहे हैं। पानी बोतल व थर्मस ओर कैम्पर में सिर्फ फर्म का नाम लिखा होता है। पानी कब का तैयार है व उपयोग करने की तिथि कब तक है यह अंकित नहीं होता है। यहां तक कि सरकार का लाखो करोड़ो का पानी बेच कर उसका टैक्स जीएसटी भी अंकित नहीं होता। पानी सरकार का बेच रहे ओर टैक्स चोरी कर खुद लाखो कमा रहे। जिम्मेदार विभाग सब जान कर अंजान बना हुआ है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा

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