झांसी। इस वर्ष का मुख्य विचार बिन्दु “जन-जन तक जल पहुँचाना है, जल संरक्षण अपनाना है” रखा गया है। भूजल सम्पदा के महत्व के प्रति जागरूकता सृजित करने के उद्देश्य से जन-सामान्य में भूजल के संचयन, प्रबन्धन एवं संतुलित उपयोग के प्रति जागरूकता पैदा करने हेतु गोष्ठी 18 जुलाई को अपर आयुक्त ने अवगत कराया है कि विगत दो-तीन दशकों में सिंचाई, पेयजल एवं औधोगिक सेक्टर में जल संसाधनों की मांग में अप्रत्याशित वृद्धि होने के परिणाम स्वरूप भूगर्भ जल श्रोतों का अत्यधिक दोहन किये जाने से शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में अनेक स्थानो पर भूजल स्तर में चिन्ताजनक गिरावट एवं अतिदोहन की स्थिति उत्पन्न हो गयी है। किन्तु जन-सामान्य को सीधे प्रभावित करने वाले भूगर्भ जल से जुड़े इन खतरों के प्रति जनचेतना अभी प्रभावी ढंग से जागृत नही हो सकी है।भूजल सम्पदा के महत्व के प्रति जागरूकता सृजित करने के उद्देश्य से जन-सामान्य में भूजल के संचयन, प्रबन्धन एवं संतुलित उपयोग के प्रति जागरूकता पैदा करने की दृष्टि से मुख्य सचिव उ०प्र० शासन, लखनऊ के अनुपालन में आयुक्त द्वारा उक्त शासनादेश के क्रम में जल संरक्षण के क्षेत्र में हो रहे कार्यों में समस्त विभागों की सहभागिता सुनिश्चित करनी चाही है। उन्होने अवगत कराया है कि आयुक्त डा अजय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में दिनांक 18.07.2022 को समय अपराहन 12 बजे से (स्थान- आयुक्त सभागार) एक गोष्ठी का आयोजन किया गया है।इस वर्ष का मुख्य विचार बिन्दु “जन-जन तक जल पहुँचाना है, जल संरक्षण अपनाना है” रखा गया है। जिस पर उक्त आयोजन केन्द्रित रहेगा। इस बैठक में प्रतिभाग करने वाले सभी मण्डीय स्तरीय अधिकारियों से अनुरोध है कि उक्त बिन्दु पर विचार केन्द्रित एवं शासनादेश मे विदित भूजल सप्ताह 2022 के अन्तर्गत आपके विभाग द्वारा आयोजित होने वाले कार्यक्रमों की सूचना के साथ उक्त समय व स्थान पर स्वयं प्रतिभाग करना सुनिश्चित करें।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






