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प्राण घातक हमले में सात वर्ष का सश्रम कारावास एवं अर्थदंड

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झांसी। रूपयों के लेन-देन को लेकर प्राण घातक हमले का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश (द्रुतगामी न्यायालय)अविनाश कुमार सिंहकी अदालत में एक अभियुक्त को सात वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया है।विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार पाण्डेय के अनुसार वादी मुकदमा का पुत्र पीयूष श्रीवास्तव 25 जनवरी 2009 को अपने मित्र से मिलने के लिए छोटी मस्जिद, सीपरी बाजार गया था, रास्ते में उसेकप्तान पुत्र बलराम, सतीशचन्द्र उर्फ गुड्डन पुत्र भगवानदास तथा लक्ष्मीनारायण उर्फ आलूपुत्र घमण्डी मिले। जिन्होंने पैसो के लेन-देन को लेकर पीयूष को पकड़ लिया और गाली गलौज करने लगे तथा एक राय होकर मारपीट पर आमादा हो गए। वादी मुकदमा का दूसरा पुत्र पुनीत श्रीवास्तव भी मौके पर पहुंच गया और उसने गाली-गलौज करने से मना किया तो उक्त लोगों ने पुनीत को दो तीन थप्पड़ मार दिये तथा कप्तान ने तमंचा दिखाकर गोली मारने की धमकी दी बाकी मुल्जिमानों ने हाथ में लिए चाकू खोल लिये।पीयूष श्रीवास्तव व पुनीत ने डरकर भागने की कोशिश की तो कप्तान ने भागते हुए पीयूष श्रीवास्तव पर जान से मारने की नियत से तमंचे से फायर कर दिया। तमंचे की गोली पीयूष श्रीवास्तव की जांघ पर लगी और वह मौके पर गिर गया। गोली की आवाज से बाजार में दहशत फैल गयी व अफरा-तफरी मच गई। पुनीत श्रीवास्तव ने वादी मुकदमा के मोबाइल पर सूचना दी । थाना सीपरी बाजार पुलिस द्वारा मौके से पीयूष श्रीवास्तव को उठाकर मेडीकल कालेज ले जाकर भर्ती कराया गया। वादी मुकदमा ने इस घटना की सूचना सीपरी बाजार पुलिस को दी, लेकिन थाना सीपरी बाजार पुलिस द्वारा रिपोर्ट न लिखने पर वादी मुकदमा ने धारा 156 (3) दं०प्र०सं० के तहत प्रार्थनापत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी द्वारा 13 फरवरी 09 को थानाध्यक्ष सीपरी बाजार को सुसंगत धाराओं में अभियोग पंजीकृत करने का आदेश दिया गया। जिस पर पुलिस ने अभियुक्त कप्तान पुत्र स्व० बलवान निवासी डाकखाने के पीछे थाना सीपरी बाज़ार,सतीशचन्द्र उर्फ गुड्डन पुत्र भगवान दास निवासी प्रेमगंज वलक्ष्मीनारायण उर्फ आसू पुत्र घमन्डी निवासी नानकगंज, थाना सीपरी बाजार के खिलाफ धारा 307, 323, 504, 506भा०दं०सं० व 7 क्रि० ला० ए० एक्ट में मुकदमा पंजीकृत किया गया। विवेचना उपरांत पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया।अभियुक्त कप्तान की दौरान वाद मृत्यु हो गई तथा सतीशचन्द्र उर्फ गुड्डन की न्यायालय के आदेश पर पत्रावली पृथक कर दी गई।न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर दोषसिद्ध अभियुक्त लक्ष्मीनारायण उर्फ आसू को धारा 307 भा०द०सं० के अपराध में सात वर्ष के सश्रम कारावास तथा 40,000 रुपये अर्थदण्ड , धारा 323 भा०द०सं० के अपराध में एक वर्ष के कारावास ,1,000 रुपये अर्थदण्ड , धारा-504 भा०द०सं० में एक वर्ष के कारावास , 1,000 रुपये अर्थदण्ड व धारा 506 भा०दं०सं० के अपराध में दो वर्ष के कारावास तथा 1,000 रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया। अभियुक्त को धारा 307 भा०दं०सं० के तहत अधिरोपित अर्थदण्ड अदा न करने पर पाँच माह , धारा 323, भा०दं०सं० के तहत अर्थदण्ड अदा न करनेपर एक माह , धारा 504 भा०दं०सं० के तहत अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह व धारा 506 भा०दं०सं० के तहत अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा। अर्थदण्ड की धनराशि में से 50 प्रतिशत धनराशि प्रतिकर के रूप में चुटैल पीयूष श्रीवास्तव कोधारा 357 दं०प्र०सं० के अन्तर्गत नियमानुसार दी जायेगी।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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