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प्राण घातक हमला के आरोपियों को सजा, आरोपियों को लाभ देने के लिए विवेचना में शिथिलता बरतने पर विवेचक पर कार्यवाही के आदेश

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झांसी। तमंचा लाठी डंडा कुल्हाड़ी से प्राण घातक हमला करने वाले आरोपियों को एफटीसी कोर्ट ने आज दस दस वर्ष व जुर्माना अदा करने की सजा सुनाई। वही विवेचना में आरोपियों को लाभ देने के आशय से विवेचना में शिथिलता बरतने के आरोप में विवेचक के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए मजिस्ट्रेट ने पुलिस महानिदेश व एसएसपी झांसी को पत्र लिख दिया है। अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी कोर्ट के शासकीय अधिवक्ता देवेश श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया की 16 जून 2016 की सुबह दस बजे एरच थाना क्षेत्र के ग्राम खैदेनी निवासी मुहर सिंह अपने पुत्र मणिशंकर के साथ ट्रेक्टर से कोटा बांटने ग्राम इस्किल जा रहा था। तभी रास्ते में राम रतन व ग्रीस हाथों में तमंचा लाठी लेकर आए और ट्रेक्टर को रोक कर तमंचा अड़ाकर मारपीट कर दी और तमंचे की वट मारकर उसे घायल कर दिया। इस घटना की रिपोर्ट मुहर सिंह ने थाना एरच में राम रतन ब गिरीश के खिलाफ दर्ज कराई थी। पुलिस ने विवेचना कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। सरकार की ओर से मुकदमे की पैरवी देवेश श्रीवास्तव फोजदारी अधिवक्ता ने की। मामले की सुनवाई करते हुए आज अपर सत्र न्यायाधीश एफटीसी विमल प्रकाश आर्य ने दोनो आरोपी को धारा 307 में दस वर्ष का कारावास और 25 हजार जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर एक एक माह का अतिरिक्त कारावास, धारा 341 में एक माह की सजा और पांच सौ रुपए का जुर्माना, जुर्माना अदा न करने पर दो दिन का अतिरिक्त कारावास भुगतने की सजा, 323 में एक वर्ष की सजा एक हजार का जुर्माना, 506 में दो वर्ष की सजा और दो हजार रुपया जुर्माना की अदा सुनाई। अदालत ने आदेश दिया है की जेल में बिताई गई अवधी इस अवधि में समायोजित की जाएगी। वही अदालत ने इस पूरे प्रकरण की गहराई से सुनवाई करते हुए पीड़ित के बयान ओर पीड़ित के पुत्र तथा सक्षियो के बयान पर विवेचना अधिकारी राजेश सिंह के द्वारा दाखिल की गई चार्ज शीट और पीड़ित के बयानों में यह पाया की विवेचना अधिकारी राजेश सिंह एसएसआई का कृत्य दर्शाता है की उन्होंने आरोपियों को लाभ देने के लिए विवेचना में लापरवाही और शिथिलता बरती। चुटहिल द्वारा बयान लेने के बाबत कोई बात नही बताई। उसके बावजूद विवेचक ने उक्त तथ्य खुद अंकित किए और घटना संबंधी महत्वपूर्ण साक्ष्य खून अलुदा, कपड़ों को विवेचक ने कब्जे में नही लिया। इस पर अदालत ने विवेचक के खिलाफ पुलिस महानिदेशक और एसएसपी झांसी को कार्यवाही के लिए पत्र प्रेषित किए जाने का आदेश जारी किया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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