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कोर्ट के आदेश पर बनी दिवाल को सरकारी जमीन पर बताकर नगर निगम ने तोड़ी, डेढ़ माह पूर्व कोर्ट ने मामले को संज्ञान लेकर किया था तलब

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झांसी। पुस्तैनी मकान की दिवाल बनाने के लिए तीस साल पूर्व न्यायालय से मुकदमा जीतने के बाद बनाई गई दिवाल को नगर निगम ने सरकारी जमीन बताकर तोड़फोड़ कर दी। जबकि इसी दिवाल को बचाने के लिए ग्रह स्वामी ने डेढ़ माह पूर्व न्यायालय में मुकदमा विचाराधीन हो चुका ओर न्यायालय ने सभी को तलब कर लिया है। इसके बावजूद भी तोड़फोड़ कर दी। जानकारी के मुताबिक सीपरी बाजार थाना क्षेत्र के सोलह बाखर निवासी रोहन शाक्य ने आरोप लगाते हुए बताया कि उनका पड़ोसी से विवाद चल रहा है। आए दिन पड़ोसी उनके घर के रास्ते से अपना घर का रास्ता बनाने के लिए दबाव बनाता है और लगातार शिकायतें करता है। इस मामले को लेकर पड़ोसी ने नगर निगम में शिकायत की। जिस पर नगर निगम ने उसे सरकारी जमीन बताते हुए अतिक्रमण दिवाल हटाने के लिए नोटिस भेजा। इस पर पीड़ित रोशन ने नोटिस का जबाव देते हुए बताया था कि उनका पुस्तैनी मकान है और तीस वर्ष पूर्व या दिवाल न्यायालय में चले मुकदमे को जीतने के बाद न्यायालय के आदेश पर ही दिवाल बनाई थी। रोहन का आरोप इसके बाद भी पड़ोसी की शिकायत पर नगर निगम की टीम लगातार अतिक्रमण बताते हुए हटाने के निर्देश देती रही। जिस पर उसने माननीय न्यायालय सिविल जज ज्यूडिशियल झांसी में रोहन बनाम मिंटू, नगर निगम आदि के खिलाफ बाद दायर किया। जिस पर माननीय न्यायालय ने तलबी का आदेश दिया ओर नगर निगम सहित पड़ोसी न्यायालय में तलब हुए। अभी न्यायालय ने दोनो पक्ष को सुना नहीं ओर न ही विपक्षी की ओर से कोई दस्तावेज न्यायालय में दाखिल किए गए। इसके बावजूद नगर निगम ने की टीम ने दोपहर को उसके घर आकर दिवाल तोड़ दी। रोहन का आरोप है कि पड़ोसी के इशारे पर नगर निगम टीम ने यह कार्यवाही अपने दलबल के साथ की है। पीड़ित रोहन ने जिला प्रशासन से पूरे प्रकरण की निष्पक्ष जांच कर कार्यवाही की मांग की है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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