Home उत्तर प्रदेश पति, देवर को महिला पर हमले का आरोप सिद्ध होने पर दस...

पति, देवर को महिला पर हमले का आरोप सिद्ध होने पर दस दस साल की जेल, एक एक लाख जुर्माना, विवेचक को नहीं ज्ञान, भेजे प्रशिक्षण अकादमी

27
0

झांसी। पति ओर देवर को प्राण घातक हमला कर हत्या करने के प्रयास के आरोप में सजा होना दो दिन पूर्व तय हो गई थी। शिकायत कर्ता वादिया न्यायालय में बयान देने के बाद उसकी मृत्यु हो गईथी। लेकिन अभियोजन की ठोस पैरवी के चलते न्यायलय में दोनों आरोपियों पर दो दिन पूर्व न्यायालय ने आरोप तय कर दिए थे। इन पर आज सजा का फैसला करते हुए न्यायलय अपर सत्र न्यायाधीश न्यायालय कक्ष संख्या एक सुनील कुमार यादव की अदालत ने आरोपियों को दस दस वर्ष की सजा ओर एक एक लाख रुपए अर्थदंड अदा करने का फैसला सुनाते हुए मुकदमे में साक्ष्य एकत्रित नहीं करने लापरवाही बरतने पर तत्कालीन विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी पर टिप्पणी करते हुए एसएसपी झांसी और डीजीपी को पत्र लिखकर कहा कि विवेचक को ज्ञान नहीं उन्हें प्रशिक्षण अकादमी भेजा जाए। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता तेज सिंह गौर ने जानकारी देते हुए बताया कि वीरांगना नगर निवासी सोनिया घई ने 15 दिसंबर 2021 को थाना नवाबाद में रिपोर्ट दर्ज कराते हुए बताया था कि उसकी सास ने मरने के पूर्व पुस्तैनी संपत्ति उसके पति मुकेश घई उर्फ बंटी तथा देवर राकेश घई के नाम बैनामा किया था। चूंकि पति ओर देवर दोनों चरस गांजा का नशा करते थे इसलिए उस बैनामा में यह स्पष्ट कराया था कि यह दोनो बिना सोनिया की सहमति के संपत्ति का क्रय विक्रय नहीं कर पाएंगे। इससे उसका पति, देवर ओर ननद उससे रंजिश मानने लगे थे और उसकी आए दिन मारपीट कर उत्पीड़न करते थे। उसने बताया कि घटना वाले दिन मुकेश ओर राकेश ने उसे फोन कर घर बुलाया कहा मकान बेचना है, तुम्हारी सहमति जरूरी है। सोनिया ने बताया वह उनके घर पहुंची और जैसे ही कमरे में दाखिल हुई तभी मुकेश ओर राकेश ने उसका हाथ पकड़ कर जमीन पर पटक दिया और गाली गलौज करते हुए कहा कि संपत्ति बेचने के लिए सहमति नहीं दे रही आज तुम्हारा काम तमाम कर देंगे। इतनी धमकी देने के बाद दोनों ने उस पर चाकुओं, लोहे की रोड ओर कैंची से शरीर पर कई बार कर उसे मरणासन्न कर दिया ओर उसे मरा हुआ समझ कर भाग गए। घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस ओर आस पास के लोगों ने सोनिया ओर उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया था। वही न्यायालय में मुकदमे में गवाही देने के बाद वादिया सोनिया की मृत्यु हो गई थी। इस मुकदने में आरोपियों को सजा दिलाने में अहम भूमिका मुकदमे की ठोस पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता तेजसिंह गौर की रही। उन्होंने न्यायालय में विचाराधीन मुकदमे में ठोस पैरवी ओर जिरह की। जिसके चलते दो दिन पूर्व न्यायालय में आरोपी मुकेश ओर राकेश पर आरोप तय हो गया था। आज न्यायालय ने दोनो आरोपी राकेश ओर मुकेश को दस दस वर्ष की सजा ओर एक एक लाख रुपए अर्थदंड अदा करने का फैसला सुनाया। वही अदालत ने विवेचना में घोर लापरवाही बरतने वाले तत्कालीन विश्वविद्यालय चौकी प्रभारी अनुराग अवस्थी को प्रशिक्षण अकादमी ज्ञान लेने के लिए भेजने को एसएसपी झांसी को पत्र जारी कर दिया साथ ही न्यायालय ने लिखा है कि अगर इनका तबादला गैर जनपद हो चुका है तो उत्तर प्रदेश डीजीपी को पत्र लिखकर अवगत कराए। न्यायालय ने इस मामले में विवेचना कर रहे तत्कालीन विवेचनाधिकारी पर टिप्पणी करते हुए लिखा कि इन्हें विवेचना का ज्ञान नहीं है। प्रथम विवेचना अधिकारी अनुराग अवस्थी ने मुकदमे से संबंधित घटना स्थल से लोहे की रोड, कैंची दाखिल किया ओर न ही दाखिल वीडियो के संबंध में धारा 65 बी 4 भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872 के अंतर्गत प्रमाण पत्र ही दिया गया है जिसमें यह साबित होता है कि इनको विवेचना करने का विधिक ज्ञान नहीं है। इसलिए इन्हें प्रशिक्षण अकादमी भेजा जाए। आपको बता दे कि तत्कालीन विवेचनाधिकारी/ विश्विद्यालय चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक अनुराग अवस्थी प्रमोशन पाकर निरीक्षक बन चुके है और वह वर्तमान में जिला ललितपुर के तालबेहट कोतवाली प्रभारी निरीक्षक है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here