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क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र से रखी जाएगी 07 जिलों में होने वाली प्राकृतिक आपदाओं पर निगरानी कार्यदायी संस्था द्वारा 05 फरवरी तक कार्य पूर्ण किए जाने की दी जानकारी

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झांसी। आज जिलाधिकारी अविनाश कुमार द्वारा लगभग 02.50 करोड़ से अधिक की धनराशि से ग्राम दिगारा में निर्माणाधीन क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र का औचक निरीक्षण किया गया। ग्राम दिगारा में निर्माणाधीन क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने बताया की बुंदेलखण्ड के 07 जिलों की केंद्र से प्राकृतिक आपदओं जैसे सूखा, अति वर्षा एवं ओलावृष्टि पर रखी जाएगी निगरानी। यह केंद्र बुन्देलखण्ड के किसानों के लिए एक वरदान साबित होगा। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विशेष रूप से बार-बार पड़ने वाले सूखे और पानी की कमी के प्रति संवेदनशील है, जो इस क्षेत्र के सबसे प्रमुख समस्या हैं। लंबे समय तक शुष्क रहने और मानसून के मौसम के दौरान अपर्याप्त वर्षा के कारण कृषि और जल संसाधन संबंधी गंभीर चुनौतियाँ पैदा होती हैं, जिससे फसलें और आजीविका दोनों प्रभावित होती हैं। उन्होंने कहा कि दीर्घकालिक पानी की कमी इस क्षेत्र में फसल विफलता, खाद्य असुरक्षा और आर्थिक कठिनाइयों के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाता है। इन कमजोरियों को दूर करने के लिए, बुन्देलखण्ड क्षेत्र में लचीलापन बढ़ाने के लिए, सूखे से निपटने की तैयारी, जल संसाधन प्रबंधन और आजीविका विविधीकरण के लिए व्यापक रणनीतियों की आवश्यकता है एवं उक्त प्राकृतिक आपदा में रिस्पांस की दक्षता और प्रभावशीलता में सुधार के लिए ग्राम दिगारा में यह क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र स्थापित किया जा रहा है। निरीक्षण के दौरान उपस्थिति डी0के0मिश्रा सहायक अभियंता भवन विंग लोक निर्माण विभाग से कार्य प्रगति के संबंध में जिलाधिकारी ने जानकारी ली, सहायक अभियंता ने अवगत कराया कि केंद्र में एक ट्रेनिंग रूम, वीसी रूम, ऑफिस रूम आदि का निर्माण कराया जा रहा है, जो लगभग पूर्णता की ओर है। उन्होंने आश्वस्त करते हुए कहा कि क्षेत्रीय आपदा प्रतिक्रिया केंद्र माह फरवरी प्रथम सप्ताह में शत प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कार्य की गुणवत्ता प्रथम दृष्टया सही पाई गई। जिलाधिकारी ने निर्माण कार्य में प्रयुक्त सामग्री के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त करते हुए उन्होंने छत को सीलन से बचाने के लिए ब्रेक कोबा किए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने विद्युत व्यवस्था के संबंध में जानकारी ली और कहा कि केंद्र के बाहर बॉम लाइट लगाए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने केंद्र में बनाए जा रहे वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के निर्माण कार्य को देखा, जिसके लिए छत से आने वाली पृथक-पृथक पाइप के माध्यम से वर्षा जल का संचयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कार्य गुणवत्ता के साथ जो समय निर्धारित किया है शत प्रतिशत पूर्ण कर लिया जाए। निरीक्षण के दौरान अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पांडेय, जिला आपदा विशेषज्ञ अजय कुमार यादव, गोविंद कुमार,अवर अभियन्ता लोक निर्माण विभाग भवन विंग, राम किशोर सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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