झांसी। पिछले कई वर्षों से झांसी महोत्सव के नाम से लगने वाला मेला क्राफ्ट मेला मैदान में लगता है। इससे सरकार के राजस्व को काफी मुनाफा होता है। इस वर्ष भी इस क्राफ्ट मेला मैदान का ठेका तीन करोड़ से अधिक का पहुंचा है। इतना महंगा ठेका होने के बावजूद दुकानें में महंगी मिलने पर शहर और अन्य बाहर के राज्यों से आए व्यापारी दुकानें तो ले रहे लेकिन कही न कही उनके मन में कॉर्निवाल का खौफ सता रहा है। क्योंकि कार्निवाल मेला वी आई सी ग्राउंड में लगा है। यह ग्राउंड कॉलेज का है। इसलिए मेला लगाने वाली कंपनी ने कॉलेज वालों के खातों में शुल्क जमा कर मेला लगाया है। इससे सरकार के राजस्व में कोई मुनाफा नहीं हुआ। क्योंकि ग्राउंड का पैसा कॉलेज की संस्था में जमा हुआ है। जबकि बुंदेलखंड में अभी रोजगार का कोई बड़ा संसाधन नहीं है। साथ ही एक साथ दो दो मेले लगने पर जनता तो उतनी ही है। वह एक साथ दो दो मेले दिखाने का भार अपने परिवार का कैसे उठा सकते है। ऐसे में क्राफ्ट मेला मैदान में लगने वाली दुकानों को अन्य राज्यों से आए व्यापारी संकोच में है यदि व्यापार नहीं चला तो उनका आना जाना तो है साथ ही माल की बर्बादी भी होगी। तीन करोड़ से अधिक का ठेका लेने वाली कंपनी अब यही अनुमान लगा रही कि सरकार के राजस्व को मुनाफा कराने से बेहतर होगा कि ऐसे ही प्राइवेट जमीन लेकर कम दामों में ऊंचा व्यापार किया जाए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






