झांसी। आज भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को प्राप्त महत्वाकांक्षी परियोजना टेक्नोलॉजी इनेबलिंग सेंटर के अंतर्गत प्रशिक्षित विद्यार्थियों द्वारा झांसी व आस-पास के क्षेत्रों के MSME एवं उद्यमों की डिजिटल उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए बिना किसी वित्तीय लागत के विकसित किये गए 07 एंड्राइड ऍप्लिकेशन्स को बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय द्वारा संबंधित उद्यमियों झांसी बाजार के संकेत गोयल, घराना बुटीक की सुश्री मोनिका अग्रवाल, बेकार को आकार की सुश्री नीलम सारंगी, माइंडफुल हब की डॉ शैफाली अग्रवाल, इंटीरियर टच की सुश्री उदिता गुप्ता, स्ट्रेस मैनेजर की डॉ काव्या दुबे एवं ब्रिज नेक्स्ट के डॉ शम्भू नाथ सिंह को सौप दिए गए। भारत सरकार द्वारा सम्पूर्ण उत्तर प्रदेश की 80 से अधिक विश्वविद्यालयों में से अकेले बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय को प्रदान किये गए टेक्नोलॉजी इेनेब्लिंग सेंटर के माध्यम से एमएसएमई एवं समाज की समस्याओं का तकनीकी समाधान प्रदान करने की जिम्मेदारी दी गयी है। गौरतलब है कि मात्र एक साल के अंदर ही 08 पेटेंट प्रकाशित करना, विद्यार्थियों को एंड्राइड ऍप्लिकेशन्स, इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स, डाटा साइंस, आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, तथा आधुनिक शोध उपकरणों पर 06 से अधिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के माध्यम से लगभग 500 विद्यार्धियों को प्रशिक्षित करना, बुन्देलखण्ड क्षेत्र विशेष से सम्बन्धित समस्याओं पर 10 प्रोजेक्ट के माध्यम से टेक्नोलॉजिकल सोलूशन्स प्रदान करना, विश्वविद्यालय में पंजीकृत 29 से अधिक स्टार्ट-अप को सहयोग करना आदि प्रमुख उपलब्धियां रहीं है। समूचे भारत में 1100 से अधिक विश्विद्यालयों में से केवल 22 विश्वविद्यालयों को यह परियोजना प्रदान की गयी है जिसमे से बुन्देलखण्ड विश्विद्यालय एक है।कार्यक्रम का शुभारम्भ माँ सरस्वती की प्रतिमा पर पुष्पार्चन से किया गया। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुलपति प्रो मुकेश पाण्डेय जी द्वारा टेक्नोलॉजी इनेबलिंग सेंटर के सह समन्वयक डॉ लवकुश द्विवेदी द्वारा प्रस्तुत पिछले एक वर्ष की उपलब्धियों की सराहना करते हुए कहा कि बुन्देलखण्ड विश्विद्यालय द्वारा भारत सरकार से टेक्नोलॉजी इनेबलिंग सेंटर जैसा प्रतिष्ठित परियोजना प्राप्त करना एक गौरव का विषय है। इसके माध्यम से इस क्षेत्र का टेक्नोलॉजिकल विकास करने में विश्विद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा पा रहा है। उन्होंने बताया की कितने मेहनत से देश की टॉप यूनिवर्सिटीज के साथ प्रतियोगिता करके इस प्रोजेक्ट प्राप्त किया गया, जोकि इस क्षेत्र में विकसित हो रही टेक्नोलॉजी को सम्बन्धित इंडस्ट्री को स्थानांतरित और व्यवसायीकृत करने में मदद करेगा सेंटर में माध्यम से विकसित की जा रही टेक्निक्स द्वारा बुन्देलखण्ड क्षेत्र की बेरोजगारी, फसल कम पैदावार, पलायन आदि समस्याओं को दूर करने का प्रयास किया जायेगा। इस दौरान उन्होंने छात्रों की सराहना करते हुए उन्हें एक सफल उद्यमी बनने की शुभकामनायें दी साथ ही जीवन में हर हाल में खुश रहने की सलाह दी।कार्यक्रम के दौरान सेंटर के माध्यम से स्ट्राइड के अंतर्गत इनोवेशन सेंटर के विभिन्न उपकरणों पर एक महीने का प्रशिक्षण प्राप्त किये देश के विभिन्न संस्थानों के 21 छात्र छात्राओं को कुलपत द्वारा प्रमाण पत्र प्रदान किये गए। कार्यक्रम का सञ्चालन डॉ अनुपम व्यास ने किया और आभार डॉ संजीव कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान प्रो एमएम सिंह, डॉ काव्या दुबे, डॉ अनु सिंगला, डॉ नूपुर गौतम, डॉ पीयूष भरद्वाज, डॉ शशि अलोक, डॉ सुमिरन श्रीवास्तव, डॉ अंजली श्रीवास्तव, डॉ निष्ठां व्यास, डॉ प्रियंका त्रिपाठी, श्रीकांत आदि उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






