झांसी। सफेद चावल का काला कारोबार करने वाले माफिया प्रतिमाह शासन के राजस्व को करोड़ो रूपयो की चपत लगा रहे है। अभी हाल ही में जिला ललितपुर पुलिस ने ऐसे ही सफेद चावल का काला कारोबार करने वाले संगठित गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। जिला ललितपुर की तर्ज पर जनपद झांसी में भी ऐसा ही एक संगठित गिरोह सक्रिय है। जो जनपद झांसी ही नही सीमा से सटे मध्यप्रदेश में भी अपना जाल बिछाए हुए है। जनपद झांसी का सफेद चावल मध्यप्रदेश में छिपाया जाता है। फिर उसके फर्जी दस्तावेज तैयार कर पंजाब, हरियाणा, गुजरात झांसी के रास्ते से टोल टैक्स से गुजरते हुए जाता है।सूत्र बताते है कि यह सरकार के राशन की दुकान पर मिलने वाले सरकारी सफेद चावल को शहर क्षेत्र के बड़ागांव गेट बाहर, सुभाष गंज, शिवपुरी रोड स्थित पहुज नहर के पास के कारोबारी काला बाजारी कर रहे है। यह खुद सामने न आकर अपने अपने क्षेत्रों में फैलाए सिंडीकेट से चावल एकत्रित कराते है। यह चावल एकत्रित करने वाले इस गिरोह के छोटे छोटे सदस्य किसान बाजार के सामने आस पास बनी दुकानों के व्यापारी, दतिया गेट स्थित अंदर और बाहर दोनों तरफ बनी चक्की चलाने वाले कारोबारी, हसारी निवासी कारोबारी, तालपुरा निवासी कारोबारी इस चावल को एकत्रित करते है। फिर यह लोग इस कारोबार को चलाने वाले बड़े माफिया कारोबारी के इशारे पर लोडिंग गाड़ियों में भरकर झांसी बबीना रोड स्थित मध्यप्रदेश बॉर्डर चकरपुर में, झांसी से मऊरानीपुर चुंगी से लोडिंग में भरकर ओरछा तिगेला स्थित फेक्ट्री में, झांसी से शिवानी तिराहा होते हुए दतिया स्थित गोदाम में ले जाते है। यहां करोड़ो का माल एकत्रित कर बड़े बड़े ट्रकों में भरकर पंजाब, गुजरात, हरियाणा सप्लाई होता है। अगर कोई रोकटोक होती है रास्ते में तो यह लोग चावल का बिल दिखाते है। जबकि जो बिल होता है वह रामभोग चावल का होता है और बोरियो में जो माल होता है वह सरकार का आम नागरिक को दिया गया निशुल्क खाद्यान होता है। झांसी से मध्यप्रदेश बॉर्डर पर चावल ले जाने वाली लोडिंग गाड़ियों को इसलिए नही रोका टोका जाता क्योंकि हर माह मोटी किस्त समय से पहुंच जाती है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






