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भवन से कलाकार नहीं बल्कि कलाकारों से भवन की सार्थकता मण्डलायुक्त का सूत्र वाक्य कलाकारों के सामाजिक सुरक्षा व संबर्द्धन के अवसरों की बनी योजना

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झांसी। बुन्देलखण्ड की प्राकृतिक, सांस्कृतिक व ऐतिहासिक सम्पदा इतनी समृद्ध है कि इसे व्यवस्थित तरीके से विकसित कर विश्व पटल पर रखा जाये तो यहाँ पर्यटकों का न सिर्फ आकर्षण बढ़ेगा ब्लकि विलुप्त हो रहीं सांस्कृतिक विरासतों, ऐतिहासिक इमारतों व पर्यटन स्थलों को नवजीवन मिलेगा साथ ही बुन्देलखण्ड में पर्यटकों के आने से लोक कलाकारों रोजगार के अवसर बढ़ेगे। मण्डलायुक्त डॉ० अजय शंकर पाण्डेय ने बताया कि झाँसी स्मार्ट सिटी परियोजना के माध्यम से बुन्देलखण्ड कल्चर सेन्टर की स्थापना के लिए रू. 15 करोड़ का प्राविधान किया गया है। जिससे बुन्देलखण्ड कल्चर सेन्टर का एक भवन झाँसी शहर में स्थापित होगा जहाँ कला, संस्कृति, साहित्य च अन्य विरासतों को संरक्षित करते हुए लोक कलाकारों के संरक्षण संवर्धन से संबंधित गतिविधियों को चलाया जायेगा।आयुक्त ने कहा कि अब तक बुन्देलखण्ड कल्चर सेन्टर प्रस्ताव में केवल भवन निर्माण की कल्पना थी परन्तु भवन से कलाकार नहीं बल्कि कलाकारों से भवन की सार्थकता होगी इसलिये एक ऐसी दीर्घकालिक कार्ययोजना बनाई गई है जिससे वर्षों तक कलाकारों को रोजगारपरक अवसर मिलेंगे साथ ही उनके सामाजिक व स्वास्थ्य संबंधी कल्याण की दिशा में भी कार्य किये जायेंगे।मण्डलायुक्त की पहल पर बुन्देलखण्ड कला, संस्कृति कल्याण एवं संवर्धन परिषद की स्थापना भी की जा रही है जो झाँसी स्मार्ट सिटी परियोजना के द्वारा बनाये जा रहे बुन्देलखण्ड कल्चर सेन्टर भवन की स्थापना के बाद कलाकारों को संरक्षण व संवर्धन के लिए अनेक वर्षों तक कार्य करेगी। बुन्देलखण्ड कला, संस्कृति कल्याण एवं संवर्धन परिषद की स्थापना से बुंदेली कला एवं कलाकारों को राष्ट्रीय व अन्तराष्ट्रीय स्तर पर प्रतिभा का प्रदर्शन करने का अवसर मिलेगा। कलाओं को लुप्त होने से बचाने के लिए वृद्ध एवं विपन्न कलाकारों को जीवन यापन के लिए सहयोग एवं स्वास्थ्य बीमा जैसे महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। योजना का लाभ प्रदान करने के लिये कलाकारों का पंजीकरण किया जायेगा तथा उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप सहयोग दिया जायेगा। उल्लेखनीय बात यह भी पता चली है कि कलाकारों को स्थानीय स्तर के अतिरिक्त देश-विदेशों में कार्यक्रम प्रदर्शित करने के लिए भी इस सेन्टर का सहयोग मिलेगा इसके लिये वाकयदा इवेन्ट एण्ड पब्लिकसिटी मैनेजर की भी तैनाती की जायेगी जो अपनी टीम के साथ मिलकर कलाकारों के उन्धन के लिये रास्ता खोजेंगे। बुन्देलखण्ड कल्चर सेन्टर के संचालन हेतु मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन होगा जिसमें संबंधित क्षेत्र के विषय विशेषज्ञ व केन्द्र के लिये काम करने वाले लोगों को जोड़ा जायेगा। बुन्देलखण्ड कल्चर सेन्टर में होंगी ये सुविधाएँ• बुन्देलखण्ड कल्चरल सेन्टर की बनेगी भव्य इमारत कल्चरल सेन्टर में होंगे सेमिनार रूम कान्फ्रेंस रूम, कॅन्टीन / कैफेटेरिया• कल्चरल सेन्टर के ऐकेडमिक ब्लाक में होगी लाइब्रेरी। सेन्टर में चित्रकला प्रदर्शिनियों व अन्य कार्यक्रमों के आयोजन हेतु बनेगी तीन गैलरी। सेन्टर में बनेगा 250 सीट का ऑडिटोरियम / मल्टीपरपस हाल साथ ही होंगे डास रूम, आर्ट रूम। सेन्टर में प्रशासनिक व्यवस्थाओं के लिए भी होगी जगह • कलाकारों के लिये एक डॉरमेंट्री भी बनेगी जिसमें जरूरत पढ़ने पर वे रात्रि विश्राम कर सकेंगे।बुन्देलखण्ड कला, संस्कृति कल्याण एवं संवर्धन परिषद के प्रस्तावित कार्य• बुन्देलखण्ड क्षेत्र की साहित्य, सांस्कृतिक व अन्य धरोहरों को संरक्षित किये जाने साहित्यकारों व कलाकारों को संरक्षण प्रदान करने कलाओं के उन्नयन एवं संवर्धन बुन्देलखण्ड के वृद्ध कलाकारों से कला को अगली पीढ़ी को हस्तांतरित कराने के लिये प्रयास। • बुन्देलखण्ड के कलाकारों का उन्नयन लाइवलीहुड, रोजगार की होगी व्यवस्था कलाकारों को प्रस्तुतियाँ देने के लिए स्थानीय स्तर के अतिरिक्त राष्ट्रीय एवं अन्तराष्ट्रीय अवसर। • कलाकारों को वृद्धावस्था में बीमारियों के दौरान इलाज में सहयोग हेतु कलाकारों को स्वास्थ्य बीमा का संरक्षण बुन्देलखण्ड की विरासत से संबंधित शोध को बढ़ावा देने का कार्य• विभिन्न पर्वो, उत्सवों से कलाकारों को जोड़ने कार्य।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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