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शासकीय अधिवक्ता केशवेंद्र प्रताप और कपिल कारोलिया की शानदार पैरवी, गैर इरादत हत्या और चोरी के आरोपियों को दस दस वर्ष की सजा

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झांसी। अपराधियों को अधिक से अधिक सजा दिलाए जाने को लेकर पुलिस प्रशासन सहित शासकीय अधिवक्ता भी जोरदार पैरवी कर रहे है। जिसके चलते न्यायालय में लंबित मुकदमों में जल्द से जल्द सुनवाई कर दोषियों को दंडित किया जा रहा है। इसी क्रम में एससी एसटी कोर्ट में शानदार पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता केशवेंद्र प्रताप सिंह और कपिल करोलिया ने गैर इरादत हत्या के आरोपियों को दोष सिद्ध होने पर सजा दिलाई। लोक अभियोजन की और से पैरवी कर रहे शासकीय अधिवक्ता केशवेंद्र प्रताप सिंह और कपिल करोलिया ने जानकारी देते हुए बताया की प्रेमनगर थाना क्षेत्र के राजगढ़ निवासी रविंद्र अहिरवार की अज्ञात लोगों ने 21 फरवरी को हत्या कर बिजौली क्षेत्र स्थित बारूद गोदाम के पास लाश फैंक दी थी। जिसकी शिनाख्त रविंद्र के भाई अशोक ने करते हुए पुलिस को बताया था की रविंद्र 20 फरवरी को घर से साइकिल सही कराने की कहकर निकला था इसके बाद लौट कर नहीं आया। आज उसकी खोजबीन करने पर जानकारी मिली की उसकी लाश बारूद गोदाम के पास पड़ी है और उसका मोबाइल फोन भी चोरी हो गया है। पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर हत्यारों की तलाश शुरू कर दी थी। पुलिस ने मृतक के चोरी गए मोबाइल फोन को सर्वलांस पर लगाया। जिसके जरिए पुलिस इस घटना को अंजाम देने वाले आरोपी राजगढ़ निवासी प्रेम कुमार प्रजापति, नंदू अहिरवार तथा जनमेस अहिरवार को गिरफ्तार कर लिया। जब उनसे कढ़ाई से पुलिस ने पूछताछ की तो तीनो आरोपियों ने बताया की उन्होंने मृतक रविंद्र से दारू पीने के लिए पैसे मांगे थे, पैसे न देने पर उन लोगों ने विवाद हो गया और उन्होंने मिलकर रविंद्र की पत्थर से कुचलकर हत्या कर दी थी और उसका मोबाइल चोरी कर उसका टिफिन कुआ में फेंक दिया था। पुलिस ने आरोपियों की निशानदेही से मृतक का टिफिन और मोबाइल फोन बरामद कर उन्हे जेल भेज दिया था और आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल कर दिया था। इधर आरोप पत्र दाखिल होने के बाद मुकदमे की सुनवाई कर रही न्यायालय विशेष न्यायाधीश अत्याचार निवारण अधिनियम एससी एसटी शक्तिपुत्र तोमर की अदालत ने दोष सिद्ध होने पर आरोपी राजगढ़ निवासी प्रेम प्रजापति, नंदू अहिरवार और जनमेस अहिरवार को दस दस वर्ष की सजा सुनाई है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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