झांसी। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती के अवसर पर संरक्षक गणपत राय भ्याना के मार्गदर्शन एवं मंत्री डॉ मनमोहन मनु के संयोजन में आर्य समाज मंदिर शहर में विशेष यज्ञ-अनुष्ठान व सभा का आयोजन किया गया। सभा में आर्य समाज शहर के मंत्री डॉ मनमोहन मनु ने कहा कि 12 फरवरी 1824 को टंकारा गुजरात में जन्मे महर्षि दयानंद सरस्वती के विचारों ने देशभक्ति, नशा मुक्ति, शिक्षा में अहम योगदान दिया। सती प्रथा उन्मूलन, नारी शिक्षा को बढ़ाने के लिए दुनिया से लड़कर देश को नई दिशा दी। वेद उद्धारक, समाज सुधारक, सोई हुई हिंदू जाति को जगाने वाले देश के स्वतंत्रता संग्राम के प्रथम योद्धा महर्षि दयानंद की वैदिक परंपरा एवं वैदिक संस्कृति को जन-जन तक पहुंचाने का संकल्प दिलाया। इस अवसर पर उपप्रधान प्रवीण झा, मुकेश शाक्या, सुदर्शन शिवहरे, विशाल चौरसिया, हरनारायण यादव, श्रीमती रीता भ्याना, मीरा गुप्ता, मिथिलेश झा, प्रेमवती साहू, राधिका मनु, राजकुमारी समेत आर्यजन ने भजन गाए एवं एवं यज्ञ आहुतियां दी। महिला प्रधान श्रीमती उषा चौरसिया ने आभार व्यक्त किया। शांति पाठ एवं प्रसाद वितरण के साथ समापन हुआ।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






