झांसी। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा० अशोक कुमार द्वारा समस्त पशुपालकों को सूचित किया गया है कि प्रदेश में गुणवत्तापरक ऊन का उत्पादन बढ़ाने एवं ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार के नये अवसर प्रदान करते हुये भेड़ पालन की योजना लागू की जा रही है जिसमें प्रति इकाई 20 मादा भेड एवं 01 नर मेढ़ा उपलब्ध कराया जायेगा प्रति इकाई मूल्य रू 1,70,000 होगा जिसका 90 प्रतिशत रू 1,53,000 राज्यांश (अनुदान) तथा 10 प्रतिशत रू 17000 लाभार्थी अंश होगा। योजनान्तर्गत जालौनी, मुजफ्फरनगरी, नाली, बीकानेरी, मांगरा, राम्बुले मैरिनो क्रॉस, मैरीनो-नाली क्रॉस, राम्बुले नाली क्रॉस की भेड़े पाली जायेंगी। जिसका क्रय भेड़ एवं ऊन अनुसंधान संस्थान, अविकानगर जनपद टोंक राजस्थान व केन्द्रीय बकरी अनुसंधान संस्थान मखदूम फरह मथुरा उ०प्र० द्वारा प्रमाणित ब्रीडर फार्मों से किया जायेगा।
आवेदन हेतु पात्रता के अन्तर्गत लाभार्थी जनपद का स्थायी निवासी हो तथा 18 वर्ष या उससे अधिक का लघु, सीमान्त अथवा भूमिहीन कृषक होना चाहिये। भेड़ पालक के पास भेड़ों को रखने का पर्याप्त स्थान होना आवश्यक है। परम्परागत भेड़ पालकों एवं भेड़ पालन में मान्यता प्राप्त संस्थाओं से प्रशिक्षण प्राप्त आवेदक को प्राथमिकता के आधार पर चयन किया जायेगा।
लाभार्थी की चयन प्रक्रिया के अन्तर्गत लाभार्थी द्वारा निर्धारित प्रारूप पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी कार्यालय में आवेदन किया जायेगा एवं जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा लाभार्थियों का चयन किया जायेगा, योजनान्तर्गत कम से कम 3 वर्ष भेड़ पालन करना अनिवार्य होगा। आवेदन की अन्तिम तिथि 10 जनवरी 2024 है अधिक जानकारी के लिये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी झांसी कार्यालय में सम्पर्क करें।
रिपोर्ट – राहुल कोष्टा






