झांसी। उत्तर प्रदेश पर्व हमारी संस्कृति हमारी पहचान के अन्तर्गत संस्कृति उत्सव, 2023 मनाया जाना है। उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश की सॉस्कृतिक परम्परा प्राचीन काल से ही धर्म, दर्शन, कला, साहित्य एवं संगीत के क्षेत्र में गायन, वादन, नृत्य एवं लोक नाट्य की विभिन्न शैली के प्रमुख गुरूओं, आचार्यो एवं कलाविदो की महती भूमिका रही है, जिन्होने अपनी साधना से अनक कीर्तिमान स्थापित कर देश का मान बढाया है। इसमें उत्तर प्रदेश के कला गुरूओं एवं साधकों की अपनी अलग पहचान रही है। इस समृद्व परम्परा के दृष्टिगत संस्कृति उत्सव, 2023 मनाये जाने का शासन ने निर्णय लिया है। प्रतियोगिता ग्राम स्तर से लेकर तहसील मुख्यालय, जनपद एवं मण्डल स्तर पर आयोजित की जा रही है। इस प्रतियोगिता में चयनित प्रतिभागियों को 24 जनवरी, 2024 को आयोजित संस्कृति उत्सव, 2024 को आयोजित संस्कृति उत्सव, 2024 में प्रतिभाग करने का सौभाग्य प्राप्त होगा। प्रतियोगिता प्रथम स्तर में तहसील स्तर पर होगी तथा यहॉ से विजेता प्रतिभागियों की जनपद स्तर पर विजयी प्रतिभागियों की प्रतियोगिता मण्डल मुख्यालय पर आयोजित होगी। इसके विजेता प्रतिभागियों को लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देनी होगी। प्रतियोगिता 1-5 जनवरी, 2024 को तहसील स्तर पर, 10-15 जनवरी, 2024 जनपद स्तर पर तथा 20-21 जनवरी, 2024 को मण्डल स्तर पर आयोजित होगी। प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को उत्तर प्रदेश का निवासी होना चाहिए तथा प्रतियोगिता में प्रतिभाग हेतु आन लाइन पंजीकरण संस्कृति विभाग द्वारा निर्धारित पोर्टल पर किया जाना अनिवार्य होगा। प्रतिभागी केवल एक ही विघा में प्रतिभाग कर सकता है तथा प्रतिभागी कलाकार, दलनायक के रूप में अपने सभी सहयोगी कलाकारों का सम्पूर्ण विवरण यथा- नाम, पता, आधार कार्ड, मोबाइल नं0 तथा पासपोर्ट साइज की दो फोटो अलग से प्रस्तुत करेगें। सभी कलाकारों को संगत कलाकार एवं वाद्ययंत्रों की व्यवस्था स्वयं करनी होगी और किसी राजनैतिक दल, धर्म, सम्प्रदाय, जाति और व्यक्ति की भावनाओं को आहत करने वाली प्रस्तुतियां पूर्णतः प्रतिवाधित होगी। उप निदेशक, राजकीय संग्रहालय, झॉसी ने यह भी बताया कि विस्तृत जानकारी एवं नियमों/शर्ताे आदि की जानकारी के लिए प्रतिभागी ूूूण्नचबनसजनतमण्नचण्दपबण्पद पर जानकारी प्राप्त कर सकते है।
रिपोर्ट – राहुल कोष्टा


