झांसी। मुकदमों की विवेचनाओं के निस्तारण करने में कुछ विवेचक रुचि नहीं लेते लापरवाही दिखाते है, कुछ विवेचक अपने कर्तव्य निष्ठा से कार्य न करते हुए केवल खुद को आर्थिक लाभ लेने के लिए विवेचनाओं में खेल करते है, ओर आरोपियों को राहत देते हुए विवेचना बिना किसी अफसर के जानकारी के बंद कर उसे न्यायालय में दाखिल कर देते है। ऐसा ही एक प्रकरण थाना शहर कोतवाली के ओरछा गेट चौकी प्रभारी ने कर डाला। उन्होंने धोखाधड़ी कर रुपए हड़पने वाले दर्ज मुकदमे के आरोपियों को राहत देते हुए बिना अपने थाना के अफसरों की जानकारी के एफआर लगाकर न्यायालय में दाखिल कराने की तयारी कर ली। इसकी भनक लगते ही पुलिस अफसरों ने जांच कराई ओर दोषी पाए जाने पर ओरछा गेट चौकी प्रभारी मुकेश गौतम को लाइन हाजिर कर दिया। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सिविल लाइन निवासी ज्ञानचंद ने थाना शहर कोतवाली में चार लोगों के विरुद्ध 420.467.468.471 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसकी विवेचना ओरछा गेट चौकी प्रभारी मुकेश गौतम द्वारा की जा रही थी। बताया जा रहा है की विवेचना में साक्ष्य न मिलने पर मुकदमे में एफआर लगाकर बिना शहर कोतवाल से सीन कराए उसे न्यायालय में दाखिल करा दिया। इस पर वादी पक्ष ने पुलिस अधिकारियों को शिकायत करते हुए बताया की विवेचना अधिकारी ने आरोपियों से सांठगांठ कर मुकदमे में एफआर लगाकर गुपचुप तरीके से उसे न्यायालय में दाखिल कर दिया और उस एफआर को शहर कोतवाल से बगैर सीन कराए दाखिल किया गया है। इसकी जांच में आरोपों की पुष्टि हुई और गुरुवार को ओरछा गेट चौकी प्रभारी को लाइन हाजिर करते हुए मुकदमे की पुनः विवेचना तथा पूरे प्रकरण की जांच करने के आदेश जारी किए गए है। विवेचक के खिलाफ हुई कड़ी कार्यवाही से पूरे जनपद में विवेचनाओं में खेल करने वालों में अब हड़कंप मच गया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






