झांसी। महानगर में वीरांगना महारानी लक्ष्मी बाई के समय से भगवान के जलविहार की परंपरा चल रही है। जलझूलनी एकादशी पर विभिन्न मंदिरों के विमान एकत्रित होकर गाजे बाजे के साथ नगर भ्रमण करते हैं और लझ्मी तालाब पर पहुंच कर देवता जल विहार करते हैं। इस बार भी मंदिरों के विमानों की जल विहार शोभा यात्रा व गणेश प्रतिमा विसर्जन के लिए शोभायात्रा निकलेंगी। मेला जलविहार समिति झांसी की मांग है कि भगवान के जल विहार के लिए लझ्मी तालाब स्थित प्रतिमा विसर्जन जल कुंड की साफ सफाई जल्द से जल्द करायी जाये। ताकि झांसी की प्राचीन धार्मिक परंपरा का पालन हो और गणेश प्रतिमाये भी स्वच्छ जल में विसर्जित हो। इसके साथ ही गंधीगर का टपरा मार्ग, कोतवाली की ढाल, बड़ा बाजार से लझ्मी तालाब मार्ग पर बने गड्ढों को ठीक कराया जाये और जगह जगह लटक रहें बिजली के तारों जो कभी भी जानलेवा हो सकते हैं तथा शोभा यात्रा में बाधा पैदा कर सकते है, उन्हें व्यवस्थित कर दुरस्त कराया जाये। समिति ने माँग की शोभायात्रा मार्ग पर साफ सफाई की उचित व्यवस्था की जाये।अनंत चतुर्दशी पर सैकड़ों प्रतिमाये विसर्जन के लिए निकलती हैं। ग्यापन देने अवसर पर अध्यक्ष ब्रजबिहारी उदैनिया, कार्यकारी अध्यक्ष पूर्व पार्षद मुकेश अग्रवाल,महामंत्री पीयूष रावत, किशन सरवरिया, अभिषेक साहू,संजीव तिवारी, सत्येन्द्र पुरी,नरेंद्र अग्रवाल, काशीनाथ श्रृंगीऋषि, जगदीश प्रसाद गुप्ता, अतुल किलपन, नरेश श्रृंगीऋषि, एडवोकेट अजय मिश्रा,पवन गुप्ता प्रह्लाद साहू, सूर्य प्रकाश अग्रवाल, विकास मिश्रा,आशीष सैनी आदि मौजूद रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






