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खत्री सभा झांसी द्वारा पंजाबी सभा के सभागार में पुरुषोत्तम दास टण्डन की जयन्ती मनायी

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झांसी। भारत के एक मात्र राजर्षि की उपाधि से विभूषित पुरुषोत्तम दास टण्डन की जयन्ती खत्री सभा झॉसी द्वारा पंजाबी सभा के सभागार में सभा के अध्यक्ष जातिगौरव विजय खन्ना की अध्यक्षता तथा प्रमुख समाज सेवक डा० अनिल कंचन के मुख्य आतिथ्य में मनाया गया। सर्व प्रथम अध्यक्ष तथा मुख्य अतिथि द्वारा भगवान श्री राम तथा टण्डन जी के चित्रों पर माल्यार्पण तथा दीप प्रज्जवलित करते हुए समारोह का शुभारम्भ किया गया। उक्त अवसर पर टण्डन जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए अध्यक्षजी द्वारा अपने उद्बोधन में कहा कि राजर्षि पुरुषोत्तम दास टण्डन हिन्दी के प्रेमी थे तथा अंग्रेजी का भरपूर ज्ञान होते हुए भी उनके द्वारा कभी भी न तो अंग्रेजी में कार्य किया और न ही उसका प्रयोग किया। टण्डन जी द्वारा सन् 1906 में इलाहाबाद से भारतीय कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते हुये इलाहाबाद उच्च न्यायालय के वकील के रूप में कार्य किया गया था। दो वर्ष के अन्तराल में ही उनकी ख्याति इतनी फैली कि सन् 1909 में महामना मालवीय जी ने टण्डन जी को “अभुदय” का सम्पादक बनाया तथा हिन्दी साहित्य सम्मेलन का सम्पूर्ण कार्य उनके सुपुर्द किया गया। उनके द्वारा स्वतंत्रता संग्राम में भी अग्रणी रहते हुये हमेशा कार्य किया गया जिसके फलस्वरूप सन् 1909 में जलियावाला बाग हत्याकॉण्ड की जाँच के लिये नियुक्ति कांग्रेस कमेटी के वे सदस्य बने । सार्वजनिक सेवा कार्यों की लगन के कारण उन्होंने सन् 1921 में वकालत से तिलांजलि दे दी। वह सन् 1950 में अखिल भारतीय कॉंग्रेस के सभापित तथा सन् 1952 में लोक सभा तथा सन् 1956 में राज्य सभा के लिये चुने गये। मगर उनका हिन्दी के प्रति लगाव होने के कारण पं0 जवाहर लाल नेहरू से उनकी कभी भी नही पटरी बैठी तथा नेहरू से मतभेद होने के कारण सन् 1951 में भारतीय कांग्रेस सभापति से त्याग पत्र दे दिया । 3 अक्टूबर 1960 को इलाहाबाद में आयोजित एक सार्वजनिक सभा मे डॉ० राजेन्द्र प्रसाद ने इन्हें राजर्षि की उपाधि से सम्मानित किया तथा सन् 1961 में टण्डन जी को भारत रत्न की सर्वोच्च उपाधि से सम्मानित किया गया। इसके साथ ही अध्यक्ष जी द्वारा सभा के कार्यों की जानकारी देते हुए बताया गया कि खत्री सभा झॉसी मेधावी छात्र-छात्राओं की आर्थिक सहायता कर रही है जिसके लिए अलग से समिति बनाई गई है । सहायता प्राप्त करने वाले छात्र – छात्राओं का नाम गोपनीय रखा जाता है । गत कई वर्षों से विवाह योग्य युवक – युवतियों का परिचय सम्मेलन भी सभा आयोजित कर रही है जिसमें भारतवर्ष के कई शहरों से परिवार सम्मिलित होते हैं जिनके रहने व भोजन आदि की व्यवस्था निःशुल्क सभा द्वारा की जाती है । मुख्य अतिथि द्वारा अपने उद्बोधन में कहा गया कि आज खत्री समाज द्वारा अपने प्रयास से समाज हित में किये जा रहे कार्य वास्तव में सभा के अध्यक्ष की समाज के प्रति सच्ची लगत का परिणाम है । इसके लिए वह तथा उनकी कार्यकारिणी प्रशंसा की पात्र है । मुख्य अतिथि द्वारा यह भी कहा गया कि आज समाज के कई लोग उ ० प्र ० शासन में प्रमुख्य पदों पर होने के पश्चात भी कोई प्रयास नहीं होने के कारण ही राजर्षि की उपाणि से विभूषित एक मात्र व्यक्ति की जयन्ती प्रशासनिक स्तर पर नहीं मनाई जा पा रही है । आज उस महापुरूष के विचारों से अधिकतर लोग अनभिज्ञ हैं । उक्त अवसर पर गत वर्षों की भाँति इस वर्ष भी समाज के 25 मेधावी छात्र – छात्राओं को मैडल तथा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया तथा अवशेष छात्र जिनका रिजल्ट विलम्ब से आया है उन्हें आश्वासन दिया गया है कि उन्हें भी एक कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया जायेगा । उक्त अवसर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में श्याम कौशल , सिद्धनाथ टण्डन , प्रकाश राजवधा , राजीव खत्री , सूरज मलिक , बृजकिशोर बट्टा , संजय चड्डा , दीपक अरोरा , अंकुर बट्टा , दिलीप सहगल , आलोक खत्री , राजीव खत्री , आशीश खन्ना , जितेन्द्र कंचन , आशीष बट्टा , का विशेष रूप से रहा । कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम संयोजक पंकज साहनी तथा सभा के महामंत्री मुकेश सहगल द्वारा संयुक्त रूप से किया गया तथा सभी का आभार सभा की महिला मंडल की अध्यक्ष माला मेहरोत्रा द्वारा किया गया।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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