झांसी। पितृ मोक्ष गमन के उपलक्ष्य में शनिवार को सिटी चर्च रानी महल के पास सिंधी धर्मशाला में यज्ञ में पूर्णाहुति, भंडारे के साथ सात दिवसीय श्री मद्भागवत कथा का समापन किया गया। कथा के अंतिम व सातवें दिवस पर श्री हृदय बिहारी आश्रम वृंदावन धाम मथुरा से पधारी कथा व्यास महंत आचार्य गुरू दीदी जी महाराज ने श्री कृष्ण और सुदामा की मित्रता का वर्णन कर उपस्थित जनसमूह को भाव विह्वल कर दिया। उन्होंने कहा कि मित्रता हो तो श्री कृष्ण और सुदामा जैसी , उनके जैसी मित्रता का दूसरा उदाहरण नहीं दिया जाता है। आधुनिक युग में तो मित्रता का मतलब ही बदल गया है। स्वार्थवश एक दूसरे का साथ निभाना मित्रता नहीं होती है, इसलिए मित्रता हमेशा सोच समझ कर और परखकर ही करनी चाहिए। सच्चा दोस्त वही जो अच्छे वक्त में ही नहीं बल्कि विपत्ति में भी साथ निभाए, दुःख दर्द में पूरी तरह समर्पित भाव से मित्र का सहयोगी हो। कथा व्यास ने जीवन में शिक्षा का महत्व समझाते हुए कहा कि बच्चों को अपने माता-पिता की हर बात माननी चाहिए क्योंकि यदि माता-पिता उन्हें किसी गलती के लिए डांटते भी है तो उसमें बच्चों के लिए अच्छाई ही छिपी होती है। कहा कि शिक्षा से बड़ी कोई पूंजी और संपत्ति नहीं है।ज्ञान की प्राप्ति किसी से भी और कहीं से भी हो सकती है। सीख तो मनुष्य ही नहीं जीव जन्तुओं से भी मिल सकती है, निर्भर करता है मनुष्य की सोच और तरीके पर।
बाल कलाकारों ने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा के रूप धारण कर अभिनय के माध्यम से उपस्थित जनसमूह का मन मोह लिया।
कथा के पूर्व यज्ञ में मुख्य यजमान ममता चौरसिया,प्रीतेश रवि प्रकाश परिहार,छाया संदीप चौरसिया,आरती प्रियंकेश के साथ ही ममता राजेश चौरसिया, शशि प्रेम चौरसिया, रेखा रविन्द्र कुमार, शांति अशोक कुमार,चन्द्र कांता महेन्द्र चौरसिया,ऊषा रविन्द्र कुमार सिंह, राम सिंह,छाया,रवि चौरसिया ग्वालियर आदि ने आहुतियां दी।कथा व्यास ने श्री कृष्ण और सुदामा के सुन्दर भजनों के माध्यम से श्रद्धालुओं को भक्ति रस में सराबोर कर दिया। भंडारे में भारी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।इस अवसर पर आयोजक ममता चौरसिया, प्रीतेश रवि प्रकाश परिहार,छाया संदीप चौरसिया,वृंदावन, राजेश चौरसिया एड, अर्चना श्री कृष्ण चौरसिया,किशन चौरसिया, रविन्द्र सिंह, शंकर लाल,सहित अन्य भक्तगण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


