
झांसी। नगर में जैन दर्शन के शाश्वत पर्वाधिराज पर्युषण दशलक्षण पर्व के अवसर पर समस्त जैन मंदिरों में भक्ति की धूम मची है, प्रातःकाल से सायंकाल तक जयकारे गूंज रहे हैं। धोती दुपट्टा पहने श्रावक भगवान का अभिषेक शांतिधारा करते नजर आ रहे हैं। पूजन पाठ के अर्घ्य सुनाई दे रहे हैं। भगवान की स्तुति, आरती करते हुए श्रद्धालु भाव विभोर हो रहे हैं। ऐसा लग रहा है जैसे भक्ति का सैलाब आया हो। मेडिकल कॉलेज गेट नं 3 के आगे निर्माणाधीन भगवान महावीर महातीर्थ में विराजमान मुनिश्री अविचलसागरजी महाराज के सान्निध्य में अमृत पावन वर्षायोग समिति के स्वागताध्यक्ष अंकित सर्राफ एवं अंशुल जैन बघेरा को श्रीजी के मस्तक पर शांतिधारा करने का सौभाग्य मिला। इसके पूर्व मुख्य सलाहकार डॉ राजीव जैन, वरिष्ठ महामंत्री दिनेश जैन डीके, महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ, संयोजक देवेश जैन केडी, निशांत जैन डेयरी, नितिन जैन सदर, अमित जैन पुजारी ने श्रीजी का अभिषेक, मंगल आरती एवं पूजन संपन्न की। श्रीमति रीता जैन आदित्य, प्रतिभा जैन, अंजलि सिंघई, सोनम जैन, पूजा जैन, रवि जैन, सपना जैन लोकपथ ने सिद्धचक्र महामण्डल विधान के महाअर्घ्य समर्पित किए। धर्मसभा को संबोधित करते हुए मुनिश्री अविचलसागरजी महाराज ने बताया कि उत्तम आर्जव धर्म कहता है कि अन्दर बाहर से एक हो जाओ, सरल सहज हो जाओ। ध्यान रखना टेढ़ी लकड़ी चूल्हे में जलाई जाती हैं और सीधे लकड़ी हो तो उसके ऊपर झंडा लगा दिया जाता है जो धर्म और देश के सम्मान का प्रतीक हैं। सुव्यवस्थित व निर्विघ्न जीवन यात्रा पूर्ण करने के लिए छल कपट से रहित होना अनिवार्य है। छल कपट का जहर सर्प के जहर के समान सम्पूर्ण शरीर में फैलकर धर्म-कर्म को समाप्त कर देता है। इसलिए हमें आर्जव धर्म को जीवन में धारण कर कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना चाहिए। इस अवसर पर चातुर्मास समिति के अध्यक्ष शैलेन्द्र जैन प्रेस, डॉ मुकेश नज़ा, डॉ पी.सी.जैन, करगुंवा मंत्री संजय सिंघई, संयोजक एंजि.अभिनव जैन, शुभम जैन जैरी, अंकुर जैन, आशीष जैन सोनू आदि उपस्थित रहें। संचालन चातुर्मास समिति के महामंत्री सौरभ जैन सर्वज्ञ एवं आभार वरिष्ठ महामंत्री दिनेश जैन डीके ने व्यक्त किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


