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कार्यशाला में वृक्षारोपण अभियान -2025 को सफल बनाने के लिये विभिन्न विभागों के साथ की गई समीक्षा

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झांसी। सदस्य विधान परिषद श्रीमती रमा निरंजन के मुख्य आतिथ्य में वन विभाग के तत्वावधान में वन विश्राम भवन, भगवंत पुरा प्रांगण में पौधशाला एवं वृक्षारोपण से संबंधित महत्वपूर्ण विषयों पर एक दिवसीय कार्यशाला तथा on the spot domestication का आयोजन किया गया। कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए सदस्य विधान पर्षद श्रीमती रमा निरंजन ने समस्त जनपद वासियों को नव वर्ष की शुभकामनाएँ देते हुए वृहद वृक्षारोपण का संकल्प लिया उन्होंने वृक्षारोपण अभियान-2025 को सफल बनाने के लिये उन्होंने सभी विभागों से वृक्षारोपण की तैयारियों की जानकारी प्राप्त की और अभियान में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेने के निर्देश दिये। अपने संबोधन में कहा कि होने वाले वर्ष-2025 वृक्षारोपण अभियान को जन आंदोलन बनाए जाने के लिए समस्त विभागीय अधिकारी संवेदनशील होकर कार्य करने आव्हान करते हुए कहा कि वृक्षारोपण अभियान का आयोजन एक उत्सव के रूप में किया जाये। जलवायु परिवर्तन से बचने, पर्यावरण को बचाने और जीवित रहने के लिये अधिक से अधिक पौधरोपण आवश्यक है, इसलिये पर्यावरण संरक्षण को समर्पित इस आंदोलन को सभी सक्रिय सहभागिता कर सफल एवं सार्थक बनायें। उन्होंने बल देते हुए कहा कि पौध रोपण के साथ-साथ उनके सर्वाइवल पर भी ध्यान दिया जाये। वन विश्राम भवन, भगवन्तपुरा प्रांगण में प्रभागीय वनाधिकारी जे0 बी0 शेण्डे ने आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में बताते हुए कहा कि वृक्षारोपण अभियान 2025 को सफल बनाना कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने जोर देते हुए कहा की अभियान को सफल बनाने के लिए वृक्षारोपण हेतु ग्राम पंचायतवार माइक्रोप्लान तैयार करने, वृक्षारोपण हेतु निरूपण स्थल का चयन व स्थल की मृदा के अनुरूप पौध प्रजाति का चिह्निकरण बेहद महत्वपूर्ण है। ऐसा करने सेवृक्षारोपण अभियान की सफलता को सुनिश्चित किया जा सकता है। इसके साथ ही ग्राम पंचायत/ स्थानीय नगर निकाय की सहभागिता से सूक्ष्म नियोजन के माध्यम से भी आने वाले वृक्षारोपण को सफल बनाया जा सकता है। वर्ष-2025 वृक्षारोपण अभियान को सफल बनाने हेतु पारंपरिक रूप से जनपद में नन्दन वन की स्थापना के अतिरिक्त अभियान के तहत ग्राम वन और आयुष वन के साथ ही आंवला वन, कटहल वन, सागौन वन,नीम वन, अर्जुन वन की भी स्थापना कराए जाने की तैयारी है। कार्यशाला में विनोद कुमार उप प्रभागीय वनाधिकारी द्वारा प्रभाग से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण वानिकी कार्य जैसे सिल्वी कल्चरल, प्लान आफ ऑपरेशन, लाटो के छपान, वन एवं वन्य जीवों की सुरक्षा, मानव-वन्यजीव संघर्ष आदि बिंदुओं पर भी विस्तृत जानकारी दी गई। आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला में उपस्थित प्रभाग के विभिन्न क्षेत्रीय वन अधिकारीयों द्वारा भी पौधशाला कार्यों,अग्रिम मृदा कार्य, वृक्षारोपण की सुरक्षा व देखरेख, मृदा एवं जल संरक्षण, मियावाकी वृक्षारोपण आदि महत्वपूर्ण वानिकी कार्यों पर चर्चा/ जानकारी दी गई। गोष्ठी के समापन पर प्रभागीय वनाधिकारी जे0बी0 शेण्डे ने अतिथियों सहित विभिन्न विभागों के अधिकारियों व अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया। इस मौके पर लोक निर्माण विभाग, उद्योग विभाग, सिंचाई विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विभाग, उच्च शिक्षा सहित मनरेगा, कृषि विभाग, वन विभाग के अन्य अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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