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एनकाउंटर प्रकरण में विक्रम सिंह और उनकी टीम को मिली क्लीन चिट

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झांसी । उत्तर प्रदेश के कई जिलों में पुलिस महकमे में तैनाती के दौरान बड़े बड़े अपराधियों में पुलिस का लोहा मनवा चुके विक्रम सिंह को आखिरकार 14 साल बाद एनकाउंटर प्रकरण में न्यायालय ने चीन चिट दे दी है। आपको बता दे की विक्रम सिंह यह वो नाम है जिसने जनपद झांसी ही नही उत्तर प्रदेश के कई जिलों में तैनाती के दौरान बड़े बड़े अपराधियों की नाक में नकेल कस कर रख दी। इनकी कार्यशैली को देख कर यह जिस जिले में जाते है उन्हे स्वाट टीम का ही प्रभार दिया जाता है। वर्तमान में विक्रम सिंह मैनपुरी में क्राइम ब्रांच में सर्व लांस ओर स्वाट की बागडोर संभाल रहे है। विक्रम सिंह ने जनपद झांसी में तैनाती के दौरान कई बड़े अपराधों का खुलासा किया साथ ही कई बदमाशों से मुठभेड़ हुई। विक्रम सिंह की कार्यशैली ने हमेशा पुलिस का इकबाल बुलंद किया है। विक्रम सिंह वर्ष 2007 में एसओजी प्रभारी के दौरान कलुआ गिरोह के सदस्य सुग्रीव सिंह से उनकी व उनकी टीम अयोध्या में तैनाती के दौरान मुठभेड़ हो गई थी। जिसमे सुग्रीव मारा गया था। सुग्रीव के परिजनों ने न्यायालय से अयोध्या एसओजी विक्रम सिंह व उनकी टीम के विरुद्ध साजिशन गोली मारकर हत्या कराने का मुकदमा दर्ज कराया था। जिसे पुलिस ने खरीज कर दिया था। इसके बाद उसके परिजनों ने न्यायालय में पिटिशन दाखिल की थी। वर्ष 2007 से चली इस लंबी सुनवाई के दौरान न्यायालय ने एसओजी प्रभारी विक्रम सिंह व उनकी टीम के खिलाफ दर्ज मुकदमे को खारिज कर पुलिस की क्लोजर रिपोर्ट स्वीकार करते हुए विक्रम सिंह व उनकी टीम को गत दिवस क्लीन चिट दे दी। फिलहाल जनपद झांसी में अपनी तैनाती के दौरान समथर से हुए बैंक मेनेजर अपहृण कांड, राजू कमरिया अपह्रण कांड सहित एक करोड़ अस्सी लाख की लूट जैसी जघन्य अपराध की घटनाओं का विक्रम खुलासा कर चुके है। कोई भी अपराध होता था तो जनपद की जनता पुलिस अफसरों से उम्मीद की करती थी की इसके खुलासे की जिम्मेदारी विक्रम सिंह को दी जाए क्योंकि उन्हें पूर्ण विश्वास रहता था खुलासा जल्दी होगा और न्याय भरपूर मिलेगा।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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