झांसी। दिवाली का त्योहार आते ही दिन रात रंग बिरंगी मिठाइयों को बनाने की तैयारी शुरू होने लगती है। ऐसे में संबंधित खाद्य विभाग और अग्निशमन सहित जिला प्रशासन भी सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम देखने के बाद ही मिठाइयों के कारखानों को चलाने की अनुमति प्रदान करता है। लेकिन झोंकन बाग स्थित घनी आबादी में दो दो बड़े मिठाई के कारखाने खुले हुए है। जहां दिन रात आग की बड़ी बड़ी भट्ठियां धधक रही है। ऐसे में आस पास रहने वाले लोगों की रातों की नींद ओर दिन का चैन छीन चुका है। उन्हें हमेशा खतरा सताता रहता है।हम बात कर रहे झोंकन बाग नारायण धर्मशाला स्थित शहर की सबसे चर्चित मिठाई विक्रेता के कारखाने की। इनका कारखाना घनी आबादी में नारायण धर्मशाला के पास स्थित है। जहां अग्नि शमन के किसी भी नियमों का पालन पूर्ण रूप से नहीं किया जाता है। दिवाली का त्योहार नजदीक आते ही यहां दिन रात आग की भट्ठियां धधक रही। यहां बनी रिहायशी फ्लैटों में रहने वाले लोगों को दिन रात खतरा सताता रहता है। दिन रात वर्तनों के उठकने पटकने की आवाजों के साथ आग की तपस भी मकानों से चिपकती है। यहां के लोगों का कहना है कि घनी आबादी में ऐसे कारखाने खुले ही नहीं जा सकते है। लेकिन यह मिठाई का कारखाना आशीर्वाद से चल रहा है और जिम्मेदार विभाग अग्निशमन सहित सभी मौन बैठे है। सूत्र बताते है कि कई बार इस कारखाने को ओर इसके नजदीक बने एक ओर मिठाई कारखाने को अग्निशमन विभाग केवल नोटिस हर वर्ष जारी कर के अपनी बचत कर लेता है। लेकिन आज तक इस पर कोई कठोर कार्यवाही नहीं की गई। इस संबंध में अग्निशमन अधिकारी से कई बार जानकारी लेने के लिए संपर्क किया गया लेकिन उन्होंने बताया कि अभी वह लगातार भ्रमण पर है। देर शाम तक संपर्क नहीं हो पाया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






