झांसी। आज मेवाती पुरा स्थित मरहूम सादिक अली के इमामबाड़े में अंजुमन ए अब्बासिया के सदर रहे मरहूम नजर हैदर फाइक मास्टर के चेहल्लुम के मौके पर सुल्तानपुर से तशरीफ़ लाए मौलाना मुशीर अब्बास खान ने मजलिस को खिताबत करते हुए कहा कि इमाम हुसैन हमेशा अमन व शांति के रास्ते पर चलने का पैगाम देते थे वही मौलाना खान ने मजलिस पढ़ते हुए कहा कि अगर किसी के परिवार में किसी की मौत हो जाती है तो उसे व्यक्ति को आप जहां दफन करने जा रहे हैं या तो उसे व्यक्ति की इजाजत ली जाए जिसकी वह जमीन है या फिर वह उसकी कीमत अदा करें और उन्होंने कहा कि पंजतन के मानने वाले ही बता सकते हैं कि हुसैन और हुसैनीअत क्या है उन्होंने कहा 57 मुल्कों में ईरान अकेला मुल्क है जो अकेला खड़ा होकर दशरथ कर दी की मुखालफत कर रहा है उसकी वजह यह है कि ईरान गदीरी मुल्क है और गदीरी कभी भी किसी के आगे झुकता नहीं है यह मेरी खुशकिस्मती है कि मुझे पूरी दुनिया में मशहूर बहादुर की नगरी झांसी में मजलिस को खिताबत करने का मौका मिला झांसी वीरों की नगरी है यहां की जमीन ने अन्य को वीर दिए हैं उन्होंने पढ़ते हुए कहा कि अजादारी भी हमारी है नमाज भी हमारी है यजीद दहशतगर्द था यजीद वा उसके के साथियों ने इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों पर जुल्म किया कर्बला हुसैन इब्ने अली की जायदाद हैमजलिस में आए लोगों का आभार आसिफ हैदर ने व्यक्त किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






