Home उत्तर प्रदेश विकास खण्ड मोठ में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी पर हुई कार्रवाई

विकास खण्ड मोठ में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी पर हुई कार्रवाई

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झांसी। जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार ने अवगत कराया है कि खण्ड विकास अधिकारी मोंठ के पत्र संख्या – 3132/आवास/जांच/सौजना/2022-23, दिनांक 04.03.2023 के क्रम में विकास खण्ड मोठ में कार्यरत ग्राम विकास अधिकारी राकेश नरवरिया द्वारा ग्राम पंचायत सौजना में आवास योजना ग्रामीण में 13 अपात्र लाभार्थियों का चयन कर रुपया 5.20 लाख अवमुक्त करा दिये जाने एवं 08 अपात्र लाभार्थियों का प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण में चयन कर धनराशि अवमुक्त कराये जाने के कुत्सित प्रयास किये जाने के कारण कार्यालय पत्रांक – 2412 दिनांक 17 मार्च 2023 द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी 03 दिवस में स्पष्टीकरण प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे परन्तु श्री राकेश नरवरिया द्वारा अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत नहीं किया गया। श्री राकेश नरवरिया ग्राम विकास अधिकारी मोठ द्वारा उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने तथा ग्राम पंचायत सोजना विकास खण्ड मोठ में अपने पदीय दायित्वों का दुरुपयोग करने के कारण प्रधानमन्त्री आवास योजना ग्रामीण के अर्न्तगत अपात्रों को आवास आवंटित कराकर रू0 5.20 लाख की धनराशि अवमुक्त करा दिये जाने एवं 06 अपात्र लाभार्थियों का चयन उन्हें धनराशि अवमुक्त कराये जाने के कुत्सित प्रयास करने के कारण कर्मचारी आचरण नियमावली 1956 के नियम-3 के विरुद्ध आचरण करने इत्यादि के दृष्टिगत एतद् द्वारा राकेश नरवरिया, ग्राम विकास अधिकारी गोठ के विरुद्ध उ०प्र० सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के अन्तर्गत अनुशासनिक कार्यवाही प्रख्यापित करते हुए तात्कालिक प्रभाव से निलम्बित किया जाता है। निलम्बन की अवधि में श्री नरवरिया को वित्तीय नियम संग्रह खण्ड-2 से भाग-2 से 4 के मूल नियम 53 के प्राविधानों के अनुसार जीवन निर्वाह भत्ते की धनराशि अर्थ वेतन पर देय अवकाश वेतन की राशि के बराबर देय होगी तथा उन्हें जीवन निर्वाह भलो की धनराशि पर महगाई भत्ता यदि ऐसे अवकाश वेतन पर देय है भी अनुमन्य होगा निलम्बन के दिनांक को प्राप्त वेतन के आधार पर अन्य प्रतिकर भो भी निलम्बन की अवधि में इस शर्त पर देय होगे जब इसका समाधान होकर उनके द्वारा उस मद में व्यस्त में किया जा रहा है, जिसके लिए उक्त प्रतिकर भलो अनुमन्य है। उपर्युक्त प्रस्तर-2 में उल्लिखित मदों का भुगतान तभी किया जायेगा, जब नरवरिया इस आशय का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करेंगे कि यह किसी अन्य सेवायोजन व्यापार वृति व्यवसाय में नहीं लगे है। निलम्बन काल में श्री नरवरिया विकास खण्ड बडागाँव में सम्बद्ध रहेगें।उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली 1999 के नियम-7 के अधीन अनुशासनिक कार्यवाही से सम्बन्धित समस्त प्रक्रिया पूर्ण किये जाने हेतु खण्ड विकास अधिकारी बडागाँव को जाँच अधिकारी नामित किया जाता है जाँच अधिकारी उक्त नियमावली में निर्दिष्ट व्यवस्था के अधीन जाँच की समस्त औपचारिकताएं पूर्ण कर समयान्तर्गत जाँच आख्या प्रस्तुत करेगे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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