झांसी। नाबालिग से दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाला आरोपी हाई कोर्ट से जमानत पर रिहा हो गया। लेकिन आरोपी ने जिन शर्तों पर आरोपी को जमानत दी आरोपी ने उन्ही शर्तों का उलंघन करते हुए पीड़िता की गोपनीयता भंग करते न्यायालय में बयान के दौरान वीडियो कॉलिंग कर उसके पति को पीड़िता का चेहरा दिखा दिया। जिसके चलते तत्काल पीड़िता के परिजनों को पति ने फोन करके तलाक देने की बात कह डाली। मामला संज्ञान में आते ही अपर सत्र न्यायालय विशेष न्यायधीश मोहम्मद नेयाज अहमद अंसारी की अदालत ने नाराजगी जाहिर करते हुए हाई कोर्ट के शर्तों का उलंघन करने के आरोप में जमानत खारिज करते आरोपी को जेल भेज दिया है। अभियोजन की ओर से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाह ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्ष 2016 में 17 वर्षीय किशोरी ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी मध्यप्रदेश के जिला शिवपुरी भोंति निवासी कमल कुशवाह व उसके साथियों ने उसका अपहरण कर बलात्कार किया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। पुलिस ने इस मामले में आरोप पत्र भी न्यायालय में दाखिल कर दिया था। आज पीड़िता के बयान न्यायालय में होना थे। उन्होंने बताया कि पीड़िता बालिग हो चुकी थी उसकी शादी हो गई है। उन्होंने बताया कि बलात्कार पीड़िता की पहचान गोपनीय रखी जाती है, ओर इसी आधार पर शर्त पर ही हाई कोर्ट ने आरोपी कमल को जमानत दी है। आज पीड़िता न्यायालय में अपना बयान समक्ष मजिस्ट्रेट के दर्ज करा रही थी। उसी दौरान कमल ने न्यायालय में ही अपने मोबाइल से पीड़िता की फोटो वीडियो बनाकर उसके पति को भेज दी। तभी पीड़िता के पति ने फोन पर उसे व उसके परिजनों को तलाक लेने की धमकी दे दी। विशेष लोक अभियोजक विजय सिंह कुशवाह ने बताया कि पीड़िता ने न्यायालय को लिखित सूचना देते हुए बताया कि आरोपी ने न्यायालय की शर्तों का उलंघन किया है, उसने न्यायालय से अपील करते हुए कहा कि आगे भी आरोपी उसे व उसके परिवार को खतरा पैदा कर सकता है उसने उसका जीवन बरवाद कर दिया। लोक अभियोजक ने न्यायालय से अपील करते हुए कहा कि पीड़िता की पहचान उजागर करना घोर अपराध है और आरोपी के मोबाइल से पीड़िता की न्यायालय की फोटो वीडियो बरामद हुई है। न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुए आरोपी की जमानत खारिज कर उसका वारंट बनाकर उसे न्यायिक अभिरक्षा में लेकर जेल भिजवा दिया है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






