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जब पेड़ पौधे गमले ही नही तो पानी की बरबादी क्यों, वार्टिकल गार्डन के नाम पर सरकार को करोड़ों का नुकसान

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झांसी। नगर को स्वच्छ और सुंदर बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विकास कार्यों के लिए करोड़ों रूपयो की स्वीकृति प्रदान की जा रही। लेकिन सरकार के द्वारा स्वीकृत किए गए उस धन का किस तरह से दुर्पयोग हो रहा है। यह आम जनता को सड़कों पर दिखाई दे रहा। लेकिन जिम्मेदार अफसरों को दिखाई नहीं देता। जिसके चलते नगर को साफ स्वच्छ बनाने का सरकार का सपना चकनाचूर होता नजर आ रहा है। झांसी में वार्टिक गार्डन के नाम पर करोड़ों का सरकार को नुकसान पहुंचा दिया गया। गार्डेनों में न पेड़ पोधे है और न ही गमले, ऊपर से पानी की बरबादी भी की जा रही। जिसे जिम्मेदार अफसर देखकर भी अंजाम बने हुए है।नगर में वर्टिकल गार्डन बनाए गए। जिसका करोड़ों रूपयो का ठेका हुआ और सरकार के खाते से वह रुपया भी पास हो गया और शहर के चारों ओर चौराहा चौराहा वर्टिकल गार्डन भी लग गए। इस गार्डन में लगे पेड़ पौधों को हरा भरा रखने के लिए पानी की भी व्यवस्था की गई। जिससे लगातार पेड़ पौधों को पानी मिलता रहे। लेकिन इन वार्टिकल गार्डन की क्या दशा है इसे देख कर ही पता चलता है। गार्डेनो में न तो पेड़ पौधों है और न ही गमले। ऊपर से दिन भर पानी पेड़ पौधों में देने के नाम पर सड़कों पर फैलाया जा रहा है। सरकार के नगर को स्वच्छ सुंदर बनाने के इस मंसूबे को किस प्रकार कंपनिया ठेका लेने के बाद कुचल रही यह गार्डन की दशा देख ही पता चलता है। लेकिन इस और जिम्मेदार अफसरों का बिल्कुल भी ध्यान नहीं और कंपनी को पैसा पास कर दिया। जिसके बाद अब कम्पनी भी इसकी दुर्दशा की ओर नही देख रही।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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