झांसी। नीलू वाल्मिक हत्या कांड का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश ( आव० वस्तु अधि०) धीरेन्द्र कुमार तृतीय की अदालत में दो अभियुक्तों को आजीवन कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता राहुल शर्मा के अनुसार आतिया तालाब तहसील के पीछे रहने वाले वादी प्रदीप कुमार बाल्मीकी पुत्र स्व० मोतीलाल ने थाना नबावाद में तहरीर देते हुए बताया था कि 07 जून 2011 को समय करीब 11-30 बजे दिन उसके मुहल्ले के केशव उर्फ संजीव , सतीश बाल्मीकि पुत्रगणजानकी बाल्मीकि, उमाशंकर उर्फ बाबू पुत्र चिरंजीलाल, हरवंश पुत्र कन्डौली एक राय होकर उसके घर पर आये और उसके लड़के नीलू को पकडकर मारपीट करते हुये हत्या करने की नियत से आंतिया तालाब से गायत्री मंदिर जाने वाले रोड पर चार पहिया वाहन में डालकर ले गये । इस घटना को मुहल्ले के कई लोगों ने देखा । इन लोगों से उसकी पुरानी रंजिश भी थी। इस घटना से मुहल्ले के लोग काफी भयभीत हो गये और अपने मकानों में ताला लगाकर भाग गये। उक्त तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत किया गया। जिसकी विवेचना के दौरान संकलित किये गये साक्ष्य के आधार पर विवेचक द्वाराअभियुक्तगण केशव उर्फ संजीत उर्फ संजीव बाल्मिक, सतीश, उमाशंकर उर्फ बाबू,हरवंश बाल्मिक के विरूद्ध धारा- 364, 302,201/34 व धारा 7 कि.ला.अ.एक्ट के अन्तर्गत आरोप पत्र न्यायालय में प्रेषित किया गया।मामला सत्र परीक्षणीय होने पर उक्त पत्रावली सत्र न्यायालय को सुपुर्द की गयी । जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त सतीश व हरवंश बाल्मिकि को धारा 302 सपठित धारा 34 भा०द० सं० के अंतर्गत आजीवन कारावास एवं पचास -पचास हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक वर्ष के अतिरिक्त कारावास ,धारा 364 सपठित धारा-34 भा०द०सं० के अंतर्गत दस -दस वर्ष के कठोर कारावास एवं बीस-बीस हजार रूपये अर्थदण्ड ,अदा न करने पर छः माह के अतिरिक्त कारावास, धारा-201 सपठित धारा 34 भा०द०सं० के अंतर्गत पाँच-पाँच वर्ष के कठोर कारावास एवं दस-दस हजार रूपये अर्थदण्ड , अदा न करने पर तीन-तीन माह के अतिरिक्त कारावास की सज़ा सुनाई गई।अभियुक्तगण द्वारा अर्थदण्ड की धनराशि जमा करने की स्थिति में धारा 357 (1) द०प्र०सं० के प्रावधानों के अनुरूप उपरोक्त संपूर्ण जमा अर्थदण्ड धनराशि में से एक लाख रूपया मृतक के विधिक वारिसानों को बतौर क्षतिपूर्ति अदा की जायेगी एवं शेषधनराशि नियमानुसार राजकीय कोष में जमा की जायेगी।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा





