झांसी। घर में घुसकर महिला पर एसिड अटैक का आरोप सिद्ध होने पर अपर सत्र न्यायाधीश, न्यायालय सं० २,विजय कुमार वर्मा प्रथम की अदालत में अभियुक्त को दस वर्ष के कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया गया।सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता ( फौजदारी) देवेन्द्र पांचाल के अनुसार वादी मुकदमा प्रवेश कुमार तिवारी ने लिखित तहरीर थाना सीपरी बाजार में देते हुए बताया था कि २७ फरवरी २०१७ को उसकी पुत्री कु० मधु तिवारी उम्र लगभग १४ वर्ष कालोनी के सामने रोड पर साइकिल चला रही थी तभी कालोनी में रह रहे अनिल कुमार पुत्र प्रभुदयाल (खटीक)जो तहसीलदार टहरौली के कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर कार्यरत है। बच्ची सेगाली गलौच करने लगा , पत्नी ने मना किया तो उसने पत्नी के साथ अभद्रता व गाली गलौजकी तथा जान से मारने की धमकी दी। घर आने पर घरवालों नेघटना की जानकारी दी। दूसरे दिन सांयकाल करीब ७. ४५बजे अनिल कुमार पुत्र प्रभुदयाल व उसकी बहिन रोशनी घर पर आये और दरवाजा खटखटाया और कहा कि नन्दु की मां दरवाजा खोलो मुझे कल की गलती पर माफी मांगना है।जब वादी की पत्नी श्रीमती राजेश्वरी ने दरवाजा खोला तभी अनिलकुमार ने अपने हाथ में लिया तेजाब उसकी पत्नी के ऊपर उडैल दिया जब तक अन्दर से वादी बचाने आया तभी बहिन ने कहा इसके पति को मारो और उसने वादी के सिर पर फावड़े से वार किया तब वह चिल्लाया तो कालोनी निवासी कुछ लोग ललकारते हुए आये तो दोनों गाली गलौज करते हुए जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गये । पत्नी की दाहिनी आंख व उसके सिर में गम्भीर चोटें आयी । वादी मुकदमा की तहरीर के आधार पर धारा ३२६, ३२४, ५०४, ५०६ भा०द०सं० में अभियुक्तगण अनिल कुमार वरोशनी के विरूद्ध थाना सीपरी बाजार पर पंजीकृत किया गया था। बाद में धारा ४५२ भा०द०सं० की बढोत्तरी की गयी, तथा धारा ३२६ को ३२६ए में परिवर्तित किया गया। विवेचना उपरान्त आरोप पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। जहां प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर न्यायालय द्वारा दोषसिद्ध अभियुक्त अनिल कुमार को धारा ३२६ए भाद०सं० में दस वर्ष के कारावास एवं बीस हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड का भुगतान न किये जाने पर अभियुक्त छः माह के अतिरिक्त साधारण कारावास ,धारा ४५२ भाद०सं० में सात वर्ष के कारावास की सजा एवं पाँच हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड का भुगतान न किये जाने पर दो माह के अतिरिक्त साधारण कारावास , धारा ३२४ भाद०सं० में तीन वर्ष के कारावास ,दो हजार रूपये अर्थदण्ड, अर्थदण्ड का भुगतान न किये पर एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास ,धारा ५०४ भा०द०सं० में दो वर्ष के कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड अदा न किये जाने पर एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास ,धारा ५०६ भा०द०सं० में अभियुक्त को तीन वर्ष के कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड , अर्थदण्ड का भुगतान न किये पर एक माह के अतिरिक्त साधारण कारावास की सज़ा सुनाई गई।अर्थदण्ड की कुल जमा धनराशि में से ७५ प्रतिशत धनराशि पीड़ित पक्ष को प्रतिकर के रूप में प्रदान की जाएगी।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






