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आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश ने अभियुक्त को तीन वर्ष कारावास एवं अर्थदंड से किया दंडित

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झांसी।जाति सूचक शब्दों से अपमानित कर तोड़फोड़ व जान से मारने की धमकी का आरोप सिद्ध होने पर विशेष न्यायाधीश एस.सी.एस.टी एक्ट शक्तिपुत्र तोमर द्वारा एक अभियुक्त को तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं अर्थदंड से दंडित किया है।विशेष लोक अभियोजक केशवेन्द्र प्रताप सिंह व कपिल करोलिया के अनुसार वादी मुकदमा संतोष कुमार दोहरे ने थाना सीपरी बाजार में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि वह २९ मार्च २००७ को विधान सभा चुनाव के बबीना प्रत्याशी रतन लाल अहिरवार का प्रचार करने ग्राम कोट गया था। जहां गांव के निवासी राजवीर यादव ने प्रचार वाहन के आगे आकर बसपा सुप्रीमो मायावती सहित उसे गालियां देना शुरू कर दिया। मना करने पर जातिसूचक शब्दों से अपमानित करते हुए गाड़ी में आग लगाने और जान से मारने की धमकी दी। वाहन में रखे प्रचार के पम्पलेट भी उसने फाड़ दिए। थाने में रिपोर्ट दर्ज नहीं किए जाने पर वादी ने न्यायालय की शरण ली, जहां धारा १५६ (३) द.प्र.सं का प्रार्थनापत्र स्वीकार किया गया तथा प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज किए जाने का आदेश पारित किया गया।जिस पर धारा ५०४, ५०६, ४२७ भा. द. सं. एवं धारा ३ (१) १० एस. सी. एस.टी एक्ट में मुकदमा पंजीकृत कराया गया। न्यायालय में प्रस्तुत साक्ष्यों एवं गवाहों के आधार पर अभियुक्त राजवीर को धारा ४२७ भा.द.सं. के अन्तर्गत दो वर्ष के सश्रम कारावास व एक हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ५०४ भा.द.सं. के अन्तर्गत को दो वर्ष के सश्रमकारावास ,एक हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर एक माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ५०६ भा.द.सं. के अन्तर्गत दो वर्ष के सश्रम कारावास व दो हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करनेपर दो माह के अतिरिक्त कारावास ,धारा ३ (१)१० एस.सी.एस.टी एक्ट के अन्तर्गत को तीन वर्ष के सश्रम कारावास एवं दो हजार रूपये अर्थदण्ड ,अर्थदण्ड अदा न करने पर दो माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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