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स्ट्रीट लाइट कागजों में बदल रही, क्षेत्रों में पड़ा अंधेरा, फर्जी निस्तारण की रिपोर्ट लगाने पर पार्षदों ने अफसरों को घेरा, महापौर भी नही बदलवा पाए तीन माह से खराब पड़ी लाइट

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झांसी। शहर को स्मार्ट सिटी का दर्जा दिलाने जाने के लिए जहां एक ओर केंद्र और प्रदेश सरकार पानी की तरह पैसा वहा रही वही नगर निगम में बैठे कुछ अफसर इसे भ्रष्टाचार की बलि वेदी पर चढ़ा रहे। अपने चहेतों को स्ट्रीट लाइट का ठेका देने के बाद कई महीनों से खराब पड़ी लाइटों को सही नही किया जा रहा ओर शिकायतों में नगर निगम अफसरों से सांठगांठ कर फर्जी निस्तारण की रिपोर्ट लगाकर सरकार का पैसा प्राइवेट कम्पनी और अफसर डकार रहे। क्षेत्रों में पड़े कई महीनो से अंधेरे के चलते आज पार्षदों में आक्रोश व्याप्त हो गया। दर्जन भर महिला पार्षदों ने नगर निगम में जाकर अफसरों की घेराबंदी कर जमकर नारेबाजी की। सीपरी बाजार के आदर्श नगर में तीन माह से खराब पड़ी स्ट्रीट लाइट की कई बार सही कराने को शिकायत हुई, हर बार शिकायतों को कागजों में निस्तारण कर दिया लेकिन आज तक लाइट नही बदली गई। एक माह पूर्व मामला महापौर के संज्ञान में भी लाया गया उन्होंने आदेश दिए फिर भी आज तक खराब पड़ी लाइट सही नही हुई।जानकारी के मुताबिक शहर के कई वार्डों में लगी स्ट्रीट लाइट को खराब हो जाने पर उसे सही करने ओर बदलने की जिम्मेदारी प्राइवेट कम्पनी को दी गई है। आज कई वार्डों की दर्जनों महिला पार्षदों ने नगर निगम पहुंच कर अफसरों का घेराव कर आरोप लगाया की प्राइवेट कम्पनी को लाइट बदलने का ठेका दिया गया। लेकिन वह कंपनी लाइट नही बदलती है, सिर्फ कागजों में ही निस्तारण की रिपोर्ट लगा दी जाती है। सीपरी बाजार के आदर्श नगर में तीन माह से लाइट खराब पड़ी है। कई बार कागजों में सही हो गई लेकिन हकीकत में उसे सही नही किया गया। यही हालत कई वार्डो के है। मोहल्लों में अंधेरा पड़ा रहता है। जिसका फायदा लुटेरे बदमाश उठाते है। नगर निगम अफसरों और प्राइवेट कम्पनी की लूट खसोट सरकार के झांसी को स्मार्ट सिटी बनाने के दावे को खोखला साबित कर रही है।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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