झांसी। आज अर्न्तराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ एवं उ०प्र० जैन विद्या शोध संस्थान संस्कृति विभाग लखनऊ के संयुक्त तत्वाधान में एक विचार गोष्ठी “भारत की आजादी में वीरांगना लक्ष्मीबाई का योगदान वेतवा भवन झाँसी में अर्न्तराष्ट्रीय बौद्ध शोध संस्थान लखनऊ के उपाध्यक्ष हरगोविन्द कुशवाहा के मुख्य आतिथ्य एवं कुंवर बहादुर आदिम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई। उपाध्यक्ष हरगोविंद कुशवाहा ने अपने उद्बोधन में कहा कि 1857 की क्रान्ति की जनक वीरांगना लक्ष्मीबाई ही थी, जिनसे अंग्रेज डरते थे। उन्होंने देश पर अपना बलिदान देकर स्वतंत्रता के आंदोलन की नींव रखी एवं दुनिया में अपना नाम अमर कर गई। आदिम ने उन्हें भारतीय नारियों को देशशक्ति का जज्वा प्रदत्त करने वाली बताया। अन्य वक्ताओं में इतिहासकार राम प्रकाश गुप्ता, मिथलेश कुमार कुशवाहा, सुरेश अडजरिया, जे०एन० वर्मा, प्रभूदयाल कुशवाहा, रामबाबू विश्वकर्मा, वीरसिंह परिहार, मोहनलाल शर्मा, वीरसिंह यादव व सुनील शर्मा, मुन्नालाल कुशवाहा आदि रहे संचालन देवेन्द्र सिंह बुन्देला ने किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






