
झांसी। बुन्देले हर बोलों के मुँह, हमने सुनी कहानी थी
खूब लड़ी मर्दानी वो तो, झाँसी वाली रानी थी
उत्तरांचल विश्वविद्यालय के साहित्यिक क्लब द्वारा रानी लक्ष्मीबाई की 197वीं जयंती के उपलक्ष्य में एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें उनके साहस, नेतृत्व और स्वतंत्रता संघर्ष में दिए गए योगदान को सम्मानपूर्वक याद किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर अनिल कुमार दीक्षित, चेयरपर्सन साहित्यिक क्लब एवं प्रोफेसर, लॉ कॉलेज देहरादून ने की। उन्होंने अपने संबोधन में रानी लक्ष्मीबाई के अदम्य साहस, नेतृत्व क्षमता और देशभक्ति पर प्रकाश डाला तथा विद्यार्थियों को उनके जीवन से प्रेरणा लेने हेतु प्रोत्साहित किया। उन्होने इस अवसर पर मसूरी देहरादून ग्रेवयार्ड में मौजूद “रानी लक्ष्मीबाई के ऑस्ट्रेलियाई मूल के वकील जॉनलैंग” की कब्र का भी वर्ण किया जो एक इतिहासिक बलिदान की कहानी व्यक्त करती है
वेबिनार के सफल आयोजन में साहित्यिक समिति की वाइस चेयरपर्सन प्रोफेसर (डॉ.) पिंकी चुग का मार्गदर्शन और सहयोग महत्वपूर्ण रहा।
कार्यक्रम में उत्तरांचल विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा काव्याभिव्यक्ति भी प्रस्तुत की गई। क्रिस्टी पटेल ने रानी लक्ष्मीबाई के साहस पर आधारित भावनात्मक कविता प्रस्तुत की, जिसके पश्चात पार्थ सिंगल ने उनके अटूट साहस और जज़्बे को दर्शाती सशक्त कविता सुनाई।
उत्तराँचल यूनिवर्सिटी के विभिन्न संकाय के छात्र आदर्श तिवारी , ऋषिका वत्स, राहुल रावत , अपूर्वा पुण्डीर, आयुष, सुभा, नम्रता, रश्मी, भूमिका रौथान, रजत चौहान, एशवर्य नौटियाल नें वेबिनार में सहभागिता की और रानी लक्ष्मीबाई की गौरवशाली विरासत से प्रेरणा ली।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


