
झांसी। अमावस्या की रात मां काली की विशेष पूजा अर्चना का समय होता है। यह रात दिवाली की रात होती है। इस रात मां काली की पूजा का विशेष महत्व होता है। शहर क्षेत्र के पंचकुइया मंदिर के पीछे कालू राम का हाता में पिछले सत्रह वर्षों से अजय कश्यप खुद मां काली की प्रतिमा बनाकर उसे सात दिन के लिए स्थापित करते है और दीपावली के दूसरे दिन प्रतिमा का विसर्जन होता है। हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अजय कश्यप द्वारा अमावस्या की काली महोत्सव के लिए मां काली की प्रतिमा बनाकर उसे 12अक्टूबर को पंडाल में स्थापित कराई है। अजय ने बताया कि श्री श्री 1008 मां अमावस्या भद्रकाली उत्सव मंडल द्वारा यह आयोजन किया जा रहा है। 12 अक्टूबर को मां की प्रतिमा स्थापित हो गई बीस अक्टूबर को महानिशा पूजा रात साढ़े ग्यारह बजे से होगी। बलि दानम बस अक्टूबर की रात साढ़े तीन बजे ओर इक्कीस अक्टूबर को मां की विदाई शोभायात्रा होगी। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन आरती सुबह नौ बजे ओर रात्रि की आरती शाम साढ़े आठ बजे होती है।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


