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बैठक में मतदेय स्थलों का चयन एवं वहां ए0एम0एफ0 संबंधी व्यवस्थाओं पर हुआ विचार विमर्श राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों से मतदान स्थलों में कोई सुझाव/ आपत्ति हो तो लिखित प्रस्तुत करें ताकि उसका निस्तारण किया जा सके

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झांसी: आज जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी मृदुल चौधरी की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट चैम्बर में उत्तर प्रदेश विधान परिषद इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद-झांसी में स्थापित मतदेय स्थलों के भौतिक सत्यापन उपरान्त जनपद के मान्यताप्राप्त राजनैतिक दलों के साथ विचार-विमर्श किया।

जिलाधिकारी ने उत्तर प्रदेश विधान परिषद इलाहबाद-झाँसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र की जानकारी देते हुए बताया कि इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत कुल 10 जनपद सम्मिलित हैं जिसमें प्रयागराज, कौशाम्बी, फतेहपुर, चित्रकूट, बांदा, हमीरपुर, महोबा, जालौन, झांसी एवं ललितपुर हैं। जनपद-झांसी में कुल 42 मतदान स्थल हैं। उन्होंने बताया कि पूर्व निर्वाचन में 15057 मतदाता थे। सम्पूर्ण निर्वाचन क्षेत्र में कुल 293 मतदान स्थल है। स्वच्छ, पारदर्शी निर्वाचन हेतु खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद-झांसी के प्रस्तावित मतदान स्थलों की सूची आज आप सभी दलों के प्रतिनिधियों को उपलब्ध करायी जा रही है। खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत जनपद झांसी के मतदान स्थलों का संबंधित उप जिलाधिकारियों से भौतिक सत्यापन करा लिया गया है, जिसमें कोई मतदेय स्थल जीर्ण-शीर्ण नहीं पाया गया और न ही किसी मतदेय स्थल के भवन में कोई परिवर्तन प्रस्तावित किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश विधान परिषद के इलाहाबाद-झांसी खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित सदस्य का कार्यकाल 07 दिसम्बर, 2026 तक है। विधिक प्राविधान के अनुसार जिस वर्ष खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्र का निर्वाचन होना है निर्वाचक नामावली निर्वाचन वर्ष के पूर्ववर्ती वर्ष में तैयारी की जाती है। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 27 (6) यह विनिर्दिष्ट करती है कि अर्हता की तारीख उस वर्ष के नवम्बर के पहले दिन की तारीख होगी, जिसमें निर्वाचक नामावली की तैयारी या पुनरीक्षण कार्य प्रारम्भ किया जायेगा। खण्ड स्नातक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियां भागवार (पार्टवाइज) तैयार की जायेगी, परन्तु मतदेय स्थलों का प्रस्ताव आयोग के अनुमोदनार्थ निर्वाचन की घोषणा के पश्चात प्रेषित किया जायेगा। इस कारण यह परम्परा रही है कि गत् निर्वाचनों में जहां मतदेय स्थल स्थापित है उन्ही मतदेय स्थलों का चयन वर्तमान पुनरीक्षण के दौरान किया जाना है, परन्तु गत् 06 वर्षों में जनसंख्या व अन्य आधारभूत सुविधाओं में वृद्धि के कारण कतिपय मतदेय स्थलों में परिवर्तन आवश्यक होगें अथवा नये मतदेय स्थल बनाये जाने की आवश्यकता होगी।

आगामी पुनरीक्षण के दौरान मतदाताओं की संख्या व सुविधा एवं मतदेय स्थलों पर सुनश्चित न्यूनतम सुविधाएं आदि तथा राजनैतिक दलों से विचार-विमर्श कर मतदेय स्थलों का चयन पुनरीक्षण प्रक्रिया प्रारम्भ होने से पूर्व की जाना। आयोग के मानक के अनुसार मतदान हेतु किसी भी मतदाता को अधिकतम 16 कि०मी० की दूरी तय किये जाने का प्राविधान है. निर्धारित दूरी का उक्त मानक अधिकतम है। मतदेय स्थलों का चयन इस प्रकार किया जाए कि मतदाताओं को कम से कम दूरी तय करनी पड़े एवं वहां ए०एम०एफ० संबंधी व्यवस्थाएं परिपूर्ण हों। प्रस्तावित मतदान स्थलों में कोई सुझाव / आपत्ति हो तो दो दिवस के अन्दर उप जिला निर्वाचन अधिकारी, झांसी के समक्ष प्रस्तुत कर सकते है, मतदाता सूची तैयार होने के पश्चात मतदाताओं की संख्या के अनुसार मतदान स्थलों की राजनैतिक दलों के साथ पुनः समीक्षा की जायेगी तत्पश्चात प्रस्ताव अनुमोदन हेतु के RO माध्यम से आयोग को प्रेषित होंगे।

जिलाधिकारी/ जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में उपस्थित विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने अपने सुझाव प्रस्तुत किए जिलाधिकारी ने सभी सुझावों को लिखित रूप से दिए जाने का अनुरोध किया ताकि अग्रिम कार्रवाई की जा सके।

इस अवसर पर सत्येन्द्र कुमार भारतीय जनता पार्टी, लखन लाल यादव समाजवादी पार्टी, सुश्री नीलम चौधरी आम आदमी पार्टी, दीपेन्द्र सिंह अपना दल सहित अपर जिलाधिकारी प्रशासन शिव प्रताप शुक्ल, एसडीएम सदर गोपेश तिवारी, एसडीएम मऊरानीपुर प्रदीप कुमार, एसडीएम गरौठा सुनील कुमार, एसडीएम मोंठ अवनीश कुमार तिवारी, एसडीएम टहरौली गौरव आर्या, एसीएम सुश्री श्वेता साहू सहित अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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