
झांसी। प्रमोद डॉ.अग्रवाल द्वारा रचित पुस्तक का हुआ विमोचन –भारत में समान नागरिक संहिता।_शास्त्री विश्व भारती संस्कृति एवं साहित्य शोध संस्थान, शास्त्री भवन सीपरी बाजार झांसी के तत्वाधान में देश की स्वतंत्रता के उत्सव के उपलक्ष्य में, मासिक साहित्यिक काव्य संगोष्ठी राष्ट्रीय चेतना एवं देश प्रेम को समर्पित रही। गोष्ठी की अध्यक्षता साहित्य भूषण डॉ प्रमोद कुमार अग्रवाल (आई. ए. एस. सेवानिवृत्त) द्वारा की गई। मुख्य अतिथि विद्वान कवि श्री आलोक गौतम (भोपाल) रहे। विशिष्ट अतिथि श्रीमान सिंह प्रहरी (लेखक) डॉ प्रताप नारायण दुबे, हर शरण शुक्ल, गया प्रसाद वर्मा `‘मधुरेश’` डॉक्टर निहाल चंद्र शिवहरे, श्रीमती किरण गुप्ता, श्रीमती पुष्पा द्विवेदी एवं श्रीमती बृजलता मिश्रा (वरिष्ठ बुंदेली कवित्री) रस संगोष्ठी का शुभारंभ डॉ. बृजलता मिश्रा द्वारा रचित वाणी वंदना से किया गया। तत्पश्चात अगस्त माह में भारत की स्वतंत्रता के पर्व को भव्यता प्रदान करते हुए विद्वान, साहित्य मनीषियों ने राष्ट्रीय चेतना देश – प्रेम सेवा और समर्पण की रचनाओं का पाठ करते हुए धर्मेंद्र कुमार सारांश, साकेत सुमन चतुर्वेदी संजीव अग्रवाल,रवि कुमार कुशवाहा, हेमंत पांडे, साकेत सुमन चतुर्वेदी, कैलाश नारायण मालवीय, बाला प्रसाद यादव (बालकवि) उस्मान अश्क, तेजभान सिंह बुंदेला, संजय तिवारी ‘राष्ट्रवादी’ राम लखन सिंह निखार, अनिरुद्ध तिवारी, डॉ. के. के. साहू (निर्लिप्त–कलम) आरिफ शहडोली, डॉ.सुश्री नीति शास्त्री, डॉ. सुखराम चतुर्वेदी (फौजी) इत्यादि ने अपने संदेशप्रद रचनाओं से संगोष्ठी को सार्थकता प्रदान की। इस अवसर पर पं.रवीश त्रिपाठी, बलवीर सिंह यादव, चंद्र शर्मा, सुभाष चंद्र, दीपक साहू, आर. एस.गौर आदि अनेक श्रोतागण उपस्थित रहे। डॉ. सुखराम चतुर्वेदी फौजी ने संचालन किया। डॉ. सुश्री नीति शास्त्री ने अतिथियों का स्वागत एवं अंत में आभार ज्ञापित किया।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


