झाँसी। रानी लक्ष्मी बाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय, झाँसी में आज पुस्तकालयाध्यक्ष दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर विश्वविद्यालय पुस्तकालय में अत्याधुनिक आरएफआईडी (RFID) (Radio Frequency Identification) प्रणाली का औपचारिक शुभारंभ कुलपति डॉ. अशोक कुमार सिंह द्वारा किया गया। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षकगण, छात्र-छात्राएं और पुस्तकालय कर्मी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।
कुलपति ने अपने उद्बोधन में कहा कि “ज्ञान ही सफलता की कुंजी है और पुस्तकालय उसका द्वार”। उन्होंने डिजिटल युग में पुस्तकों के महत्व पर बल देते हुए कहा कि इंटरनेट और डिजिटल संसाधनों के बावजूद पुस्तकें जीवन का आधार हैं। उन्होंने छात्रों और शोधार्थियों को पुस्तकों का नियमित अध्ययन करने और उन्हें जीवन में आगे बढ़ने का माध्यम बनाने की प्रेरणा दी।
उन्होंने यह भी बताया कि नई आरएफआईडी तकनीक से पुस्तकालय सेवाओं में तेजी, सटीकता और पारदर्शिता आएगी। पुस्तकों के निर्गमन और वापसी में समय की बचत होगी, जिससे पाठकों को विश्वस्तरीय सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी।
कार्यक्रम का शुभारंभ माँ सरस्वती और पुस्तकालय विज्ञान के जनक डॉ. एसआर रंगनाथन के चित्र पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण से हुआ। इस अवसर पर पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ. शिवपाल सिंह कुशवाह ने डॉ. रंगनाथन के जीवन, योगदान और पुस्तकालय विज्ञान के पाँच सूत्रों के महत्व पर विस्तार से प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि डॉ. रंगनाथन के पाँच सूत्र –
1. पुस्तकें उपयोग के लिए हैं
2. हर पाठक को उसकी पुस्तक
3. हर पुस्तक का उसका पाठक
4. पाठक का समय बचाएँ
5. पुस्तकालय एक जीवित संगठन है
आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं जितने उनकी रचना के समय थे।
कार्यक्रम के अंत में पुस्तकालयाध्यक्ष डॉ शिवपाल कुशवाह ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि यह तकनीकी उन्नयन विश्वविद्यालय के शैक्षिक माहौल को और सशक्त बनाएगा। इस अवसर पर निदेशक प्रसार शिक्षा डॉ एसके सिंह, निदेशक शोध डॉ एसके चतुर्वेदी, निदेशक शिक्षा डॉ अनिल कुमार, अधिष्ठाता कृषि डॉ आरके सिंह, अधिष्ठाता उद्यानिकी एवं वानकी डॉ मनीष श्रीवास्तव एवं सभी विभागाध्यक्ष, वैज्ञानिक पुस्तकालय कर्मी उपस्थित रहे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


