नई दिल्ली में संसद की चयन समिति ने आयकर विधेयक 2025 पर अपनी रिपोर्ट को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी है। यह रिपोर्ट आगामी मानसून सत्र के पहले दिन, सोमवार को संसद में प्रस्तुत की जाएगी। इस ऐतिहासिक प्रक्रिया में झांसी-ललितपुर लोकसभा क्षेत्र के लोकप्रिय सांसद एवं चयन समिति के सम्मानित सदस्य अनुराग शर्मा की भूमिका विशेष रूप से सराहनीय रही, जिन्होंने करदाताओं के हितों को ध्यान में रखते हुए अनेक महत्वपूर्ण सुझाव समिति के समक्ष रखे।
सांसद अनुराग शर्मा ने कहा कि –
“यह नया विधेयक कर प्रणाली को न केवल सरल बनाएगा, बल्कि तकनीकी प्रगति के अनुरूप अपडेट भी करेगा। डिजिटल माध्यमों से जांच की प्रक्रिया जरूरी है, लेकिन इसके साथ ही नागरिकों की निजता, पारदर्शिता और जवाब देही को सुनिश्चित करना भी उतना ही आवश्यक है।”
चयन समिति के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ भाजपा सांसद बैजयंत पांडा ने समिति की बैठक के पश्चात कहा –
“यह विधेयक ऐतिहासिक बदलाव लेकर आ रहा है, जो आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा। समिति के सदस्यों ने पूरे विधेयक पर बारीकी से विचार किया और करीब 285 तकनीकी सुझाव पेश किए, जिनमें से अधिकांश को वित्त मंत्रालय ने स्वीकार किया है। हमारा उद्देश्य एक ऐसा कानून बनाना है जो नागरिकों के लिए स्पष्ट, तकनीकी रूप से समावेशी और भविष्य के लिए सक्षम हो।”
समिति ने उस प्रावधान को भी यथावत रखा है जिसमें आयकर अधिकारी तलाशी या जब्ती की कार्रवाई के दौरान किसी भी “कंप्यूटर सिस्टम या वर्चुअल डिजिटल स्पेस” तक पहुंच प्राप्त कर सकते हैं। इस प्रावधान को लेकर समिति में गंभीर चर्चा हुई। कई सदस्यों ने चिंता जताई कि इससे निजता के अधिकार का हनन हो सकता है और निजी डेटा के दुरुपयोग की संभावना भी बढ़ सकती है।
इस पर वित्त मंत्रालय ने समिति को स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉनिक सबूत जैसे WhatsApp संदेश, ईमेल और डिजिटल लेन देन के रिकॉर्ड, कई बार जांच में निर्णायक भूमिका निभाते हैं। यदि करदाता स्वेच्छा से ये सूचनाएं साझा नहीं करते, तो निष्पक्ष जांच कठिन हो जाती है। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि कोई अतिरिक्त शक्ति नहीं दी गई है, बल्कि पहले से मौजूद प्रावधानों को तकनीकी रूप में स्पष्ट किया गया है।
सरकार का लक्ष्य इस विधेयक को संसद से पारित कर 1 अप्रैल 2026 से लागू करना है, जिससे आयकर अधिनियम 1961 को पूरी तरह से प्रतिस्थापित किया जा सके। वर्तमान कानून में अब तक 65 बार संशोधन हो चुके हैं और करीब 4,000 बदलाव किए जा चुके हैं, जिससे यह जटिल हो गया है।
झांसी-ललितपुर सांसद अनुराग शर्मा द्वारा दी गई सक्रिय और उद्देश्यपरक भागीदारी पर पूरे बुंदेलखंड क्षेत्र को गर्व है। उन्होंने न केवल क्षेत्र का प्रभावी प्रतिनिधित्व किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि नया कर कानून जनहित, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व की कसौटी पर खरा उतरे।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा


