झाँसी। 08 मार्च- अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर बुन्देलखण्ड विश्वविद्यालय के समाज कार्य विभाग द्वारा विभागाध्यक्ष डा यतीन्द्र मिश्र की अध्यक्षता, सहायक आचार्य डॉ मुहम्मद नईम एवं श्रीमती गुंजा चतुर्वेदी की उपस्थिति में विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में विद्यार्थियों द्वारा महिला सशक्तिकरण से सम्बन्धित विचार व्यक्त किए गए तथा गीत-कविता आदि की प्रस्तुति दी। संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए डा यतीन्द्र मिश्र ने कहा कि वर्तमान समय की आवश्यकता महिला सशक्तिकरण है। महिला सशक्तिकरण में समाज कार्य व्यवसाय की भूमिका अत्यन्त महत्वपूर्ण है। समाज कार्य के विद्यार्थी निरन्तर क्षेत्रीय कार्य, अनुसंधान के माध्यम से इसमें अपना योगदान देते हैं। डा मुहम्मद नईम ने कहा कि शिक्षा और स्बावलम्बन ही नारी सशक्तिकरण का आधार है। आज शिक्षा, आजीविका के क्षेत्र में महिलायें आगे बढ़ रही हैं, किन्तु सामाजिक कुरीतियां एवं महिलाओं के हित में बनाये गये कार्यक्रमों का उचित क्रियान्वयन न होना उनकी प्रगति में बाधक है। श्रीमती गुंजा चतुर्वेदी ने कहा कि आज भी महिलाओं से समक्ष एक यक्ष प्रश्न खडा होता है कि उनका घर कहां है, मायके या ससुराल में, हमें इस विवाद न पड़कर स्वयं ही सक्षम एवं सबल होकर अपने घर का निर्माण करना है अर्थात् अपने लक्ष्य की प्राप्ति स्वयं करना है।कार्यक्रम का संचालन अपेक्षा पटैरिया ने एवं आभार अजय यादव ने व्यक्त किया। अभिषेक, आस्था, स्नेहा यादव, रितु, स्वागला, रुपा, राखी, अंकित भारद्वाज, मनीष कुमार, हिमांशी यादव, समय राजपूत, आरोही, आकाश वर्मा, प्रियांशु यादव, सुमन्त आदि ने भी अपने विचार व्यक्त किए तथा कविता एवं गीत प्रस्तुत किए।
रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा






