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फर्जी गैंगरेप का मुकदमा दर्ज कराने वाली कथित नाबालिग झांसी से गिरफ्तार, जमीन कारोबारी ओर षड्यंत्र कारियो को मिल सकती है राहत

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झांसी। उरई में न्यायालय में गैंगरेप का आरोप लगाकर आधा दर्जन लोगों के खिलाफ झूठा परिवाद दर्ज कराने वाली कथित नाबालिग तलाक शुदा युवती को देर रात उरई पुलिस ने झांसी से गिरफ्तार कर लिया है। इस मुकदमे के कथित नाबालिग युवती का सहयोग करने वक्र सूत्रधार जमीन कारोबारी ओर उसके साथी गुर्गों को राहत मिल सकती है। करीब छह माह पूर्व जिला जालौन उरई में न्यायालय में एक नाबालिग ने परिवाद दर्ज कराते हुए बताया था कि झांसी के नई बस्ती कोतवाली क्षेत्र निवासी उमा शंकर यादव ओर उसके अन्य साथियों ने उसके साथ नौकरी दिलाने का झांसा देकर गैंगरेप किया है। इस पर न्यायालय ने आरोपियों को तलब कर सभी से अपना पक्ष रखने के निर्देश जारी कर सम्मन जारी किए थे। इस पर आरोपी पक्ष उमा शंकर यादव व अन्य ने उच्च न्यायालय प्रयागराज हाइ कोर्ट में परिवाद को झूठा बताते हुए नाबालिग को बालिग बताते हुए परिवाद झूठा साबित करने के लिए कई साक्ष्य लगाए थे। हाइकोर्ट ने आरोपी पक्ष को राहत देते हुए एसपी जालौन को पूरे प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। जांच में पाया गया कि जिस नाबालिग ने परिवाद दर्ज कराया वह पूर्ण रूप से बालिग है और उसने फर्जी कूट रचित दस्तावेज तैयार कर न्यायलय में परिवाद दर्ज कराया था। साथ ही मामले की पुलिस ने निष्पक्ष जांच की तो मामला जमीन कारोबारियों का निकला। जमीन कारोबारियों की आपसी खुन्नस के चलते एक पक्ष के इशारे पर यह परिवाद दर्ज कराया था। पुलिस ने कथित नाबालिग सहित गवाहों के खिलाफ अभियोग पंजीकृत कर विवेचना शुरू करते हुए गवाहों को पूर्व में जेल भेज दिया था। विवेचना पुलिस की जारी थी। इसी दौरान जालौन पुलिस ने देर रात झांसी में तहसील के पीछे छापेमारी कर उस कथित नाबालिग युवती को ओर उसकी साथी महिला को गिरफ्तार कर लिया है। वही सूत्र बताते है कि इस युवती से फर्जी परिवाद दर्ज कराने वाले षड्यंत्र कारी जमीन कारोबारी ओर अन्य लोग काफी रसूखदार है, इसलिए उन्हें इस पूरे प्रकरण में राहत मिल सकती है। आपको बता दे कि मुकदमा दर्ज कराने वाली कथित नाबालिग युवती ने अपने जन्म ओर निवास तथा स्कूल की मार्क शीट सभी फर्जी दस्तावेज न्यायालय में लगाकर न्यायालय को गुमराह किया था।

रिपोर्ट – मुकेश वर्मा/राहुल कोष्टा

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